मनचलों को बॉडीगार्ड बनकर सिखाया सबक

गुडगांव: महिलाओं को तकरीबन हर रोज़ छेड़खानी या ईव-टीजिंग का सामना कर न पड़ता है। कुछ अपना रास्ता बदल लेती हैं, तो कुछ हालात से समझौता कर लेती हैं, लेकिन 47 वर्षीय वीना गुप्ता ने ऐसा नहीं किया। गुडगांव निवासी वीना आज एक पेशेवर बॉडीगार्ड हैं और महिलाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी देती हैं। वीना ने बॉडीगार्ड बनने का फैसला तब लिया, जब वह खुद ईव-टीजिंग का शिकार हुईं। 2007 में वह अपनी बेटी और दोस्त के साथ बाज़ार गई थीं। इस दौरान कुछ लड़के उन्हें परेशान करने लगे। इस घटना से वह काफी डर गईं।  बाद में उन्होंने खुद को संभाला और सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग का फैसला लिया। इसके बाद ट्रेनिंग लेकर वह बॉडीगार्ड बन गईं।

विदेशों तक नाम 
सेक्टर 56 में रहने वाली वीना गुप्ता को घरवालों का पूरा सहयोग मिला। पहले तो वह छोटे स्तर पर बॉडीगार्ड का काम करती थीं, लेकिन अब उनका एक अमेरिकन बॉडी गार्ड कंपनी से अनुबंध है। इसके माध्यम से वह विदेश में भी अपनी सेवाएं दे रही हैं। कनाडा, अमेरिका समेत वह कई देशों में जा चुकी हैं। साथ ही कोई विदेशी भारत आता है, तो कंपनी के माध्यम से एनआरआई को भी वह बॉडीगार्ड की सर्विस देती हैं।

निशुल्क प्रशिक्षण
वीना वुमेन एम्पावरमेंट सिक्यॉरिटी ऐंड सेफ्टी नाम का एनजीओ भी चलाती हैं। इसके माध्यम से वह महिलाओं को फ्री में आत्म-रक्षा में दक्ष कर रही हैं। हर शनिवार को वीना 3 घंटे सेक्टर-57 में महिलाओं को ट्रेनिंग देती हैं। साथ ही बॉडीगार्ड बनने के लिए कई महिलाओं को फुल ट्रेनिंग दे चुकी हैं। पहला बेच वह मुंबई में तैयार कर चुकी हैं।

परिवार का साथ ज़रूरी 
वीना बताती हैं कि ऐसी महिलाएं बहुत कम होती हैं, जो इस प्रफेशन में आती हैं। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है घरवालों का साथ। अगर परिवार के लोग लड़कों की तरह लड़कियों को भी पूरा सहयोग दें तो महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा ही खत्म हो जाएगा। इस पुरुष प्रधान समाज को महिला प्रधान समाज बनने में देर नहीं लगेगी। बचपन से ही लड़का और लड़की में घरवाले फर्क न करें तो यह मुद्दा कभी निकल कर ही नहीं आएगा।