राज्यसभा में राष्ट्रवादी की ओर से फिर वंदना चव्हाण का नाम आगे

पुणे : इस साल अप्रैल-मई के दरमियान 58 सासंदों का कार्यकाल पूरा हो रहा है,जिनमें महाराष्ट्र से राज्यसभा में शामिल हुई राष्ट्रवादी की ससंद सदस्य वंदना चव्हाण भी है। इसके साथ अन्य दलों के कुछ नेताओं का भी कार्यकाल पूरा होने वाला है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या इन्हीं लोगों को फिर एक बार अवसर दिया जाएगा? राष्ट्रवादी की वंदना चव्हाण ने बताया कि पार्टी नेतृत्व की ओर से उन्हें राज्य सभा में जाने का अवसर दिया जा रहा है।

राज्य सभा में 58 सासंदों की संख्या रिक्त होने वाली है जिसके लिए 23 मार्च को मतदान होने वाला है। राज्यसभा के लिए रिक्त होने वाले स्थानों में महाराष्ट्र के हिस्से 6 स्थान आते हैं। इन 58 स्थानों के लिए नामांकन देने की अंतिम तिथि 12 मार्च है और उसके बाद 23 मार्च को मतदान होने वाला है। जिन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने वाला है, उनमें प्रमुख है- अरूण जेटली, थावरचंद गेहलोत, प्रकाश जावड़ेकर, जगतप्रकाश नड्डा, धर्मेंद्र प्रधान, रविशंकर प्रसाद इन छह मंत्रियों के साथ सचिन तेंडुलकर, जया बच्चन, रेखा, चिरंजीवी के नाम हैं। महाराष्ट्र के सदस्यों में वंदना चव्हाण, डी. पी. त्रिपाठी (राष्ट्रवादी), रजनी पाटील, राजीव शुक्ला (काँग्रेस), अजय संचेती (भाजपा), अनिल देसाई (शिवसेना) के नाम उक्त सूची में प्रमुखता से लिए जा सकते हैं। अब यह देखना है कि इन राजनेताओं को उनकी पार्टी की तरफ से फिर से स्थान मिलता है या नए चेहरों को अवसर दिया जाता है। लेकिन सांसद वंदना चव्हाण को फिर से अवसर दिए जाने पर मुहर लग गई है।

वंदना चव्हाण का कहना है कि राज्य सभा में काम करते हुए देश के कई हिस्सों का दौरा करने का अवसर मिला। जिसका लाभ निश्चित ही प्रदेश के विभिन्न हिस्सों के कामों को करने के दौरान मिला। उनके द्वारा जो काम किए गए उनमें प्रधानमंत्री गाँव दत्तक योजना के तहत पुणे के सुदब्रे गाँव को गोद लेना प्रमुख है। इसका लाभ उस गाँव को हुआ कि गाँव का पूरा कायापलट ही हो गया। उन्होंने कहा, पार्टी द्वारा फिर सेवा का अवसर दिया जा रहा है। आने वाले समय में और अधिक कार्य करते हुए पार्टी की स्थिति को मजबूत करने की पूरी कोशिश करूँगी।