एनजीटी का कामकाज 12 मार्च तक बंद

विशेषज्ञों की नियुक्ति के बाद शुरू होगा काम
पुणे समाचार
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) में जब तक न्यायाधीश और विशेषज्ञों की नियुक्ति नहीं की जाती तब तक इसके कामकाज पर रोक लगाने का आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है। इसके कारण पुणे, चेन्नई, भोपाल और कोलकाता स्थित एनजीटी का कामकाम 12 मार्च तक बंद रहेगा। अब पुणेवासियों को पर्यावरण से संबंधित समस्याओं पर याचिका दायर करने के लिए दिल्ली एनजीटी में गुहार लगानी होगी या 12 मार्च तक इंतजार करना होगा।
एनजीटी कानून की धारा 4 (1) और 4 (1) (क) के अनुसार सभी खंडपीठों में कम से कम दस न्यायाधीश और दस विशेषज्ञ होना जरूरी है, लेकिन पिछले एक साल में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने रिक्त न्यायाधीश और विशेषज्ञों की नियुक्ति नहीं की। पुणे, चेन्नई, दिल्ली, भोपाल और कोलकाता में मामलों का निपटारा करने के लिए केवल 5 न्यायाधीश और दो विशेषज्ञों की नियुक्ति की है। इसके लिए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण बार एसोसिएशन ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
इसकी सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि, हर एनजीटी में एक न्यायाधीश और दो विशेषज्ञ होना चाहिए। इसके बिना याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती। इस बारे में पुणे एनजीटी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सौरभ कुलकर्णी ने कहा कि, पुणे, भोपाल, कोलकाता और चेन्नई में केवल एक ही न्यायालयीन सदस्य कार्यरत है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के कारण सभी खंडपीठ काम बंद हुआ है। रिक्त न्यायाधीश और विशेषज्ञों की भर्ती नहीं करने से सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के कामकाज पर नाराजगी जताई है।