जीवन बिता रहा छिपकली, कॉकरोच, चूहा, कौवा खाकर।

कोलकाता : पूर्वी कोलकाता के सियालदाह रेलवे स्टेशन पर एक ऐसा युवक रहता है जो अपना जीवन छिपकली, कॉकरोच और चूहे खाकर बिता रहा है। ऐसा नहीं है कि उसे यही खाना पसंद है बल्कि ये सब खाना उसकी मजबूरी और खुद को जिंदा रखने का हिस्सा बन गया है।
25 साल के अमित कर्माकर हावड़ा के बुरी बोत ताला के रहने वाले हैं। वह सियालदाह स्टेशन के आस-पास कीड़े-मकोडे़, कॉकरोच, छिपकली और चूहे ढूंढते रहते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अमित अपनी डेली डाइट को पूरा करने के लिए इनका शिकार करता है। रेलवे स्टेशन पर एक दुकान वाले का कहना है, ‘एक बार अमित ने कौवे के बच्चे को खा लिया था तो ढेर सारे कौवों ने उस पर हमला कर दिया था। उसे आरपीएफ के सिपाहियों ने कई बारा मारा भी है लेकिन वह अपने इस अजीब खान-पान को बदलने को तैयार ही नहीं है।’

 इन चीजों को खान के बारे में अमित कहता है, ‘ये चीजें मेरी डाइट का हिस्सा हैं, बिना इन्हें खाए मेरा खाना कभी स्वादिष्ट ही नहीं होता है लेकिन ठंडियों में छिपकलियां पकड़ना मुश्किल काम होता है।’ ऐसी चीजों के बारे में कोलकाता मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर रंजन भट्टाचार्या का कहना है, ‘इन चीजों को खाने से इंसान का नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है और वह अपने होश खो देता है। छिपकली की चमड़ी में एक ऐसा बैक्टीरिया होता है जो कि विषैला होता है। हालांकि, यह बेहद कम प्रभावशाली होता है।’