डॉक्टरों के प्रमोशन पर राष्ट्रवादी-भाजपा आपस में भिड़ी

मौजूदा और भूतपूर्व महापौर में छिड़ा घमासान

पिम्परी। पुणे समाचार ऑनलाइन

बीते छः साल से जारी पिम्परी चिंचवड़ मनपा के मुख्य स्वास्थ्य व चिकिसीय अधिकारी पद के प्रमोशन का मसला मंगलवार को पुनः गहरा गया। आज सर्व साधारण सभा में इस पद के प्रमोशन के प्रस्ताव पर सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस के बीच जमकर तकरार हुई। इतना ही नहीं इसी मुद्दे पर भूतपूर्व महापौर मंगला कदम और मौजूदा महापौर नितिन कालजे के बीच जोरदार बहस छिड़ी, हांलाकि यह प्रस्ताव हंगामे से पूर्व ही मंजूर घोषित किया गया।

2012 में डॉ राजशेखर अय्यर मुख्य स्वास्थ्य व चिकिसीय अधिकारी पद से रिटायर हुए। इस पद के लिए वरिष्ठता और शैक्षिक योग्यता के आधार पर डॉ पवन सालवे एकमात्र अधिकारी थे। हाँलाकि तत्कालीन सत्ताधारी राष्ट्रवादी कांग्रेस ने उन्हें दूर रखते हुए डॉ अनिल रॉय के प्रमोशन के प्रस्ताव पारित किया और उन्हें पदभार भी दिया गया। यहीं से दोनों डॉक्टरों के बीच प्रमोशन को लेकर कोर्ट कचहरी जारी है। कोर्ट के आदेशानुसार राज्य सरकार ने डॉ रॉय के प्रमोशन के प्रस्ताव खारिज किया और मनपा को नए से प्रस्ताव भेजने के आदेश दिये।

इसके अनुसार आज सर्व साधारण सभा में यह प्रस्ताव पेश किया गया। इसी प्रस्ताव पर सत्ताधारी दल ने कार्यकारी अभियंता पद पर 9 उप अभियंता को प्रोमोशन देने का उपसुझाव पेश किया गया। इन उपसुझाव के साथ प्रस्ताव पारित किया गया। डॉक्टरों के प्रमोशन का मसला न्याय प्रविष्ट रहने से यह प्रस्ताव पारित करने पर राष्ट्रवादी ने आपत्ति जताई। हाँलाकि इसमें अदालत के आदेश की अवमानना नहीं होगी, इसका ध्यान रखे जाने का दावा करते हुए सत्ताधारी दल ने प्रस्ताव पर चर्चा नहीं की जा सकती, यह स्पष्ट किया। मनपा के कानूनी सलाहकार ने भी यही स्पष्टीकरण दिया। इस पर दोनों पक्षों के बीच घमासान छिड़ गया। हंगामे के बीच महापौर कालजे ने बवाल मचाने वालों के माइक बन्द करने के आदेश दिए। इस पर पूर्व महापौर मंगला कदम ने कड़ी आपत्ति जताई। इस तरह से सदस्यो की आवाज नहीं दबाई जा सकती। उनके इस बयान पर महापौर ने उस तरह आए हंगामा करना कितना उचित है? यह सवाल उठाया। दोनों मौजूदा व भूतपूर्व महापौर के बीच जोरदार विवाद हुआ, जिससे सभागृह का माहौल तनावपूर्ण बन गया।