थमा सियासी बवंडर: ममता गायकवाड़ बनीं स्थायी समिति अध्यक्ष

-राष्ट्रवादी कांग्रेस को हराकर दर्ज की जीत
– सात वोटों से अपने नाम की कुर्सी 

पिंपरी: स्थायी समिति के अध्यक्ष पद को लेकर चल रहे नाटक पर सत्ताधारी भाजपा  प्रत्याशी ममता गायकवाड़ की जीत के साथ ही पर्दा गिर गया है। गायकवाड़ ने राष्ट्रवादी कांग्रेस के मोरेश्वर भोंडवे को 7 वोटों से शिकस्त दी। बुधवार को हुए चुनाव में उन्हें 11 और भोंडवे को 4 वोट मिले, जिसके चलते निर्वाचन अधिकारी ने गायकवाड़ को विजयी घोषित किया। इस घोषणा के तुरंत बाद मनपा गलियारे में भाजपा और विधायक लक्ष्मण जगताप के जयकारे गूंजने लगे। शिवसेना ने इस चुनाव में तटस्थ भूमिका अपनाये रखी।

स्थायी समिति अध्यक्ष पद के  चुनाव में सत्ताधारी भाजपा की ममता गायकवाड़ और राष्ट्रवादी कांग्रेस के मोरेश्वर भोंडवे शामिल थे। भाजपा विधायक महेश लांडगे गुट के राहुल जाधव को मौका न मिलने से भाजपा में भारी घमासान छिड़ा रहा। उनके साथ ही इस पद के लिए तीव्र इच्छुक रहे शीतल शिंदे के अलावा लांडगे समर्थक महापौर नितीन कालजे, क्रीड़ा समिति अध्यक्ष लक्ष्मण सस्ते ने अपने पदों से इस्तीफों की पेशकश कर नाराजगी जताई।

मंसूबों पर फिर पानी
इस नाराजगी का लाभ उठाने में जुटी राष्ट्रवादी कांग्रेस के मनसूबों पर तब पानी फिर गया, जब भाजपा के असंतुष्टों के तेवर नरम पड़ गए और वे सभी चुनाव के लिए मनपा मुख्यालय पहुंच गए। बीती रात वाकड के एक सितारा होटल में भाजपा की कोर कमेटी की बैठक हुई, जिसमे स्थायी समिति के सभी सदस्य और दोनों विधायक शामिल हुए। इसमें पार्टी प्रत्याशी को जिताने पर एकमत हुआ। इससे भाजपा की ममता गायकवाड़ की जीत निश्चित मानी जा रही थी, क्योंकि 16 सदस्यों वाली स्थायी समिति में भाजपा के 11 सदस्य हैं।

भाषण नहीं काम में विश्वास
महापौर नितिन कालजे, विधायक लक्ष्मण जगताप, सभागृह नेता एकनाथ पवार, मनपा आयुक्त श्रवण हार्डिकर, स्थायी समिति की पूर्व अध्यक्षा सीमा सावले, माई ढोरे, उपमहापौर शैलजा मोरे समेत कई पदाधिकारी, नगरसेवक, अधिकारी, स्थायी समिति सदस्यों ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष ममता गायकवाड़ को बधाई दी। जीत के बाद गायकवाड़ ने कहा कि उन्हें भाषण से ज्यादा काम में विश्वास है, साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि विकास संबंधी कार्यों में तेज़ी लाई जाएगी।

सबसे युवा अध्यक्ष
26 वर्षीय ममता गायकवाड़ सबसे युवा स्थायी समिति अध्यक्ष चुनी गईं हैं। उनके ससुर पुलिस कर्मी थे और पति विनायक गायकवाड़ भूतपूर्व नगरसेवक हैं। वे 2012 के आम चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस की ओर से नगरसेवक चुने गए थे, बाद में उन्होंने विधायक लक्ष्मण जगताप के साथ भाजपा में प्रवेश किया। उनकी पत्नी ममता गायकवाड़ ने 10वीं तक की शिक्षा हासिल की है। वाकड़ प्रभाग महिला आरक्षित होने से फरवरी 2017 में हुए मनपा चुनाव में वे पहली बार नगरसेविका चुनी गईं। लगातार दूसरे साल पिछड़े वर्ग की महिला को स्थायी समिति का अध्यक्ष बनाकर सत्ताधारी भाजपा ने आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एक तीर से कई निशाने साधे हैं, यह चर्चा मनपा गलियारे में जारी है।