पुणे: शीतकालीन मौसम उन मौसमों में से एक है जब अधिकांश माता–पिता अपने बच्चों की प्रतिरक्षा के लिए चिंतित होते हैं। गिरते हुए तापमान के साथ–साथ, अतिरिक्त रूप से संक्रमण के खतरे का चक्र भी शुरू हो जाता है। शिशु की संवेदनशील त्वचा को शुष्क होने से बचाने के लिए सर्दी के मौसम में अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है
डॉ. प्रतिभा, आयुर्वेद विशेषज्ञ, आर एंड डी, द हिमालया ड्रग कंपनी का कहना है कि, “शिशु की त्वचा प्राकृतिक रूप से हाइड्रेटेड और नम होती है और प्राकृतिक उत्पाद कोमल देखभाल प्रदान करते हैं जो कि शिशु की त्वचा की कोमलता को बनाए रखने के लिए आवश्यक होते हैं।”
डॉ. प्रतिभा माता पिता को सिफारिश करती हैं कि ऑलिव ऑइल, चिकपी, हिबिस्कस, एलो वेरा, आमंड ऑइल और कोकोनट ऑइल जैसी प्राकृतिक सामग्री और जड़ी बूटियों से समृद्ध शिशु देखभाल उत्पादों का उपयोग किया जाना चाहिए जो कि शुष्क त्वचा को शांत करे और उसकी मरम्मत करे। “अपने बच्चे को मालिश देने से त्वचा के अंदर नमी पहुंचाने में मदद मिलती है। ऑलिव ऑइल और आमंड ऑइल युक्त मॉइस्चराइज़र त्वचा की कोमलता में सुधार लाता है।” सर्दी के दौरान डायपर संबंधित चकत्ते एक आम समस्या है और डायपर रैश क्रीम के उपयोग की सलाह डॉ. प्रतिभा देती हैं जो तकलीफ़ देह चकत्तों से आपके शिशु के बॉटम (नितंब) की रक्षा करती है।
तेज़ी से शुष्क होने के प्रति शिशु की त्वचा अधिक संवेदनशील होती है और यदि इस पर ध्यान न दिया जाये तो एक्जिमा जैसी त्वचा की समस्याएँ घटित हो सकती हैं। आपके शिशु की त्वचा को उचित पोषण प्रदान करने की सिफारिश की जाती है ताकि उनकी त्वचा पर कोई सूखापन न हो। हमेशा यह सुनिश्चित करें कि आपके शिशु का सिर टोपी या हुड से ढका हो जिससे सिर और कान दोनों ही ठंड से सुरक्षित और गर्म रहेंगे। माता–पिता के रूप में, आपके शिशु का स्वास्थ्य और भलाई आपकी प्राथमिकता है। आप अपने शिशु के लिए सबसे अच्छी देखभाल प्रदान करना चाहते हैं और सर्वोत्तम उत्पाद चुनना चाहते हैं। फिर चाहे वह शिशु की नाजुक त्वचा के लिए एक शैम्पू या साबुन ही क्यों न हो, प्राकृतिक उत्पादों को चुनें जो शुद्ध, सौम्य और सुरक्षित हों।