पति को झूठी प्रेगनेंसी की खबर बताकर अपहरण किए हुए बच्चे को बताया अपना बच्चा

पुणे: पति को झूठी प्रेगनेंसी की खबर बताकर महिला ने बच्चा अपहरण करने की साचिश रची थी, पति को शक न हो इसलिए दूसरे के बच्चे को चुराकर अपना बच्चा बताकर पति के साथ साथ, गरीब माता पिता की भावनाओं से खिलवाड़ करनेवाली महिला को आखिरकार पुणे रेल्वे पुलिस ने गिरफ्तार किया. पुणे में कुछ दिनों पहले पुणे रेल्वे स्टेशन से 8 महीने के बच्चे की अपहरण करने की घटना घटी थी. बच्चा अपहरण करने के लिए आरोपी महिला काफी दिनों से रेल्वे स्टेशन और आसपास के परिसर का चक्कर काट रही थी. दूसरे पति को बच्चा नहीं दे पाने की वजह से महिला ने यह सारा ड्रामा रचा था। इस मामले में पुलिस ने रंजना जगन्नाथ पांचाल उर्फ अनुष्का रविंद्र रणपिसे को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी पुणे रेल्वे पुलिस के पुलिस अधिक्षक डॉ प्रभाकर बुधवंत प्रेस वार्ता में दी।

इस मामले में सोलापुर की रहनेवाली लक्ष्मी गेनसिध्द चाबुकस्वार ने बच्ची अपहरण होने की शिकायत दर्ज करवायी थी. 5 फरवरी को पुणे रेल्वे स्टेशन के पास 8 महीने की गौरी को आरोपी महिला ने अपने साथीदार की मदद से अपहरण करके फरार हो गई थी, पुलिस ने इस केस को गंभीरता से लेते हुए रेल्वे स्टेशन के आसपास के परिसर के पूरी सीसीटीवी कैमरे की जांच की थी, जिसमें यह महिला सीसीटीवी फुटेज में बच्चा ले जाते हुए कैद हो गई थी. पुलिस ने सीसीटीवी के मदद और रिक्शाचालकों की मदद से इस महिला तक पहुंचे थे. रिक्शावाले ने महिला को किस जगह पर छोड़ा था और महिला उसके बाद कहां-कहां से रिक्शा में बैठी थी, इसकी पूरी जानकारी पुलिस को सीसीटीवी फुटेज की मदद से मिली थी. रिक्शावाले तक पहुंचकर पुलिस ने महिला के ठिकाने का भी पता लगाया था. महिला बच्चा चुराने के बाद कुछ दिन अपनी बहन के यहां उत्तमनगर में ठहरी थी और उसके बाद वाल्हेकरवाडी, चिंचवड में अपने घर रहने लगी थी. महिला को पुलिस ने चिंचवड इलाके से गिरफ्तार कर, बच्चा उसके माता पिता को सुखरूप लौटा दिया.

गौरी के माता पिता पुणे में मजदूरी करने के लिए आए हुए थे, वो रेल्वे स्टेशन में ही रूके हुए थे, मजदूरी काम नहीं मिलने की वजह से रेल्वे स्टेशन के परिसर में ही रूक कर काम की तलाश कर रहे थे, महिला ने दो दिनों तक दंपति की रेकी की थी, फिर धीरे धीरे उनसे दोस्ती की और उनसे नजदीकी बढ़ाने की कोशिश की. रेल्वे स्टेशन के बाहर ही खाना खिलाने का लालच देकर माता पिता को अपने साथीदार के साथ होटल में भेज दिया और बच्चे को अपने गोद में ले लिया. आप लोग आराम से खाना खाकर आओ, तब तक मैं बच्ची का ख्याल रखती हूं. ऐसा कहकर दंपति को जबरदस्ती होटल में खाना खाने के लिए भेजा था और खाना खाने के लिए जबरदस्ती 2 हजार रूपए दिए थे. दंपति को नौकरी पर लगाने का दिलासा देकर भरोसा जीता और बच्ची को लेकर चंपत हो गई थी. खाना खाने के बाद जब दंपति वापस आए तो बच्ची और आरोपी महिला को जगह पर नहीं पाकर काफी घबरा गए थे, काफी ढूंढने के बाद बच्ची जब नहीं मिली तो बच्चे के अपहरण की शिकायत दर्ज करवायी थी.

महिला अपने पहले पति से काफी समय से अलग रह रही थी, महिला ने दूसरी शादी की थी। पहले पति से महिला को एक बेटा (उम्र 24) और एक बेटी (उम्र 18) भी है। दो बच्चे होने के बाद महिला ने ऑपरेशन करवाया था। पहले पति से अलग होने के बाद महिला ने एक 24 वर्षीय युवक से दूसरी शादी की थी. दूसरे पति को बच्चा नहीं दे सकने की वजह से उसने बच्चा चोरी करने का सारा ड्रामा रचा था, आरोपी महिला ने अपने दूसरे पति को बताया था कि वो गर्भवती है और उसे जल्द ही बच्चा होनेवाला है. पति से 20 हजार रूपए लेकर वो डिलीवरी के लिए मायके जा रही है, ऐसा कहकर कुछ दिनों तक अपनी बहन के घर ठहरी हुई थी. पति को झूठ बोलकर वो डिलिवरी के लिए मायके नाम से कुछ दिन अलग तो रहने लगी थी, पर पति के सामने सारी पोल खुल न जाए, इसलिए बच्चा चोरी करने का प्लान किया. जिसमें उसके भतीजी ने भी साथ दिया. संबंधित आरोपी महिला का भतीजा अबतक फरार है. पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है.

यह कारवाई पुलिस अधिक्षक डॉ. प्रभाकर बुधवंत, अप्पर पुलिस अधिक्षक तुषार पाटिल के मार्गदर्शन में पुलिस इंस्पेक्टर अनिल दबडे (स्थानिक अपराध शाखा), पुलिस निरिक्षक मनोज खंडाले, सहायक पुलिस इंस्पेक्टर मंगेश जगताप, पुलिस सब इंस्पेक्टर विष्णु गोसावी, बबन गायकवाड, पुलिस कर्मचारी कर्मचारी धनंजय दुगाने, प्रशांत डोईफोडे, अनिल दांगट, प्रभा बनसोडे, जनार्दन गर्जे, सुनील कदम, आनंद कांबले, स्वप्निल कुंजीर, राजेश कोकाटे, विक्रम मधे, तुषार गेंगजे, पवन बोराटे, जयमाला कांबले, अश्विनी येवले, मनीषा बेरड, ड्राइवर पुलिस हवालदार जगदीश, पुलिस सिपाही दिलीप खोत ने की है. साथ ही सहायक पुलिस निरीक्षक विठ्ठल शेलार व पुलिस सिपाही सतीश ढोले ने सहकार्य किया है.