पिंपरी के जयहिंद स्कूल के संस्थापक मुख्याध्यापक बी. एफ. खिलनानी नहीं रहे

पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन

पिंपरी कैम्प स्थित जयहिंद हाईस्कूल के संस्थापक मुख्याध्यापक भगवान खिलनानी (96) का बीती सुबह देहांत हो गया। वे जाने-माने पत्रकार रूप करनानी के भतीजे थे। शिक्षक के साथ साथ सिंधी, इंग्लिश, उर्दू, हिंदी साहित्यकार, गजलकार, चित्रकार के रुप में भी खिलनानी की पहचान रही। उनके देहांत से समूचे शहर के शिक्षा, साहित्य, कला क्षेत्र में शोक व्याप्त है।

एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी रहे खिलनानी ने एक छोटे से शेड में जयहिंद स्कूल की स्थापना की और पूरे 25 साल तक यहां सेवा की। उन्होंने इस स्कूल को बढ़ाने में अपने आप को झोंक दिया था, उनका विवाह भी इसी स्कूल में हुआ। उन्हें राज्य सरकार का उत्कृष्ट शिक्षक के तौर पर पुरस्कृत किया गया था। उनके रिटायर होने तक जयहिंद स्कूल रूपी पौधा एक विशाल वृक्ष के रूप में अपनी जड़ें जमा चुका था। आज पूरे पिंपरी चिंचवड़ शहर के नामी स्कूलों में इसका नाम सबमें आगे है।

रिटायर होने के बाद उन्होंने अपनी कला के जतन पर जोर दिया। लेखन, काव्य, चित्रकला, गायन, संगीत रचना, कैरीकेचर, पोस्ट टिकटो का संकलन में उनकी रुचि थी। सिंधी और इंग्लिश भाषा की उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी। उम्र के 70वें साल में उन्होंने उर्दू सीखनी शुरू की। इस भाषा को आत्मसात करने के बाद दबी चिंगारियां नाम से उर्दू गजलों की पुस्तक भी लिखी, जिसका विमोचन जाने- माने फ़िल्म अभिनेता दिलीप कुमार के हाथों किया गया। उर्दू गजलों का संकलन करनेवाले वे पहले सिंधी भाषी साबित हुए। ऑल इंडिया कॅरिकेचर कॉन्टेस्ट में उन्होंने पहले प्रयास में ही गान कोकिला लता मंगेशकर का कैरीकेचर बनाकर राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे क्रमांक का पुरस्कार हासिल किया।