पुणे में उज्जैन के तपस्वी मौनी बाबा का निधन

पुणे:पुणे समाचार

उज्जैन के महान तपस्वी संत मौनी बाबा का 108 साल की उम्र में शनिवार सुबह पुणे के रुबी हॉल अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। मौनी बाबा लंबे समय से बीमार थे और पुणे में बीते एक महिने से उनका इलाज चल रहा था। बाबा तंत्र मंत्र की सिद्धियों और एकांतवास के लिए मौनी बाबा जीवनभर चर्चा में रहे। अमर सिंह, दिग्विजय सिंह, अर्जुन सिंह, उमा भारती सहित कई नामी हस्तियां मौनी बाबा के अनुयायी हैं। लगभग 70 साल पहले मौनी बाबा ने उज्जैन में गंगाघाट के किनारे अपना डेरा जमाया था।

पुणे के एक अस्पताल में मौनीबाबा का एक महीने से इलाज चल रहा था।काही जाता है, उन्हें सांस की बिमारी थी। बाद में उन्हें निमोनिया हो गया था। चार दिन पहले वे ठीक भी हो गए थे। मगर शुक्रवार दोपहर अचानक से तबियत बिगड़ने पर उन्हें दोबारा वेंटिलेटर पर रखना पड़ा और शनिवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। रविवार को दोपहर तकी अंतिम संस्कार किया जाएगा।

108 वर्षीय मौनीबाबा के जन्म स्थान, शिक्षा और नाम को लेकर अलग अलग बाते है, मगर प्रमाणित रूप से बताया गया है कि वे वर्ष 1962 में उज्जैन आए थे। उन्होंने शुरुवात के पांच साल नरसिंह घाट पर ही तपस्या की थी। बाबा ज्यादातर अकेले रहना ही पसंद करते थे। वे भक्तों को वर्ष में सिर्फ दो बार गुरु पूर्णिमा तथा 14 दिसंबर को उनके जन्म दिन पर ही आश्रम में दर्शन देते थे। मौनी बाबा तंत्र-मंत्र के ज्ञाता थे।

देश की कई बड़ी हस्तियां बाबा से अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उपाय करवाती थी। अपनी तंत्र मंत्र की सिद्धियों और एकांतवास के लिए बाबा सदैव चर्चाओं में रहे है। उनके भक्तों का मानना था कि मौनी बाबा के दर्शन करने से तपस्या, साधना, भक्ति के एकसाथ दर्शन हो जाते थे। वे हमेशा मौन रहते थे तथा शिष्यों का मार्गदर्शन करते थे।मौनी बाबा तंत्र-मंत्र के ज्ञाता थे। देश की कई बड़ी हस्तियां बाबा से अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उपाय करवाती थी। अपनी तंत्र मंत्र की सिद्धियों और एकांतवास के लिए बाबा सदैव चर्चाओं में रहे है।