बेटी की मौत से टूटा दु:ख का पहाड़ …पिता ने दिखाई हिम्मत, नेत्रदान का निर्णय लिया

ठाणे: पुणे समाचार ऑनलाइन

दसवीं कक्षा की एक छात्रा ने अपने घर में फाँसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। ऐसी दुखद स्थिति में भी उसके परिवारजनों ने उसके नेत्रदान करने का निर्णय लिया है। बेटी के जाने के बाद उसकी आँखों के रूप में उसकी यादें इस दुनिया में रहे इस उद्देश्य से लिए गए इस निर्णय से समाज के सामने आदर्श स्थापित हुआ है।

ठाणे के बेडेकर विद्या मंदिर में रचना सूर्यकांत शिंगे दसवीं कक्षा में अध्ययनरत थी। रचना पढ़ाई में होशियार एक आदर्श छात्रा थी। दोपहर को उसने घर पर फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के पीछे का कारण अब तक पता नहीं चला है। इस घटना से न केवल उसका परिवार बल्कि पूरा बालकुम गाँव भी गहरे शोक में डूब गया है। रचना को स्कूल में होनहार छात्रा के रूप में जाना जाता था। पढ़ाई के साथ खेलकूद और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं आदि में भी वह हमेशा अव्वल आती थी। उसकी आत्महत्या की ख़बर से स्कूल शिक्षकों के बीच शोक की लहर फैल गई।

दु:ख के ऐसे कठिन समय में भी उसके पिता सूर्यकांत शिंगे ने बड़ी हिम्मत दिखाकर बेटी के नेत्रदान करने का निर्णय लिया है। रचना को खेलकूद, पढ़ाई और वाद-विवाद स्पर्धाओं में हमेशा पुरस्कार मिला करते थे। उसकी आत्महत्या की ख़बर से स्कूल के शिक्षक भी सदमे में है। बेडेकर विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि ऐसे समय में भी जिस तरह हिम्मत दिखाकर पिता ने आदर्श निर्णय लिया है, वह प्रशंसनीय है और एक होनहार छात्रा का जाते-जाते भी समाज को उपहार देकर जाने जैसा है। रचना ने आत्महत्या क्यों की इसका कारण अब तक अज्ञात है।