भगवान विट्ठल को चंदन का लेप, चंदन घिसने का अत्याधुनिक यंत्र

पंढरपुर : पुणेसमाचार
बैसाख की तपन शुरू होने के साथ विट्ठल भगवान को परंपरागत तरीके से चंदन का लेप लगाने की परंपरा भी प्रारंभ हुई। इस साल मंदिर समिति के पर कर्मचारियों के लिए लेप बनाने का काम आसान हो जाए इसलिए पहली बार अद्यतन यंत्र खरीदा गया है। इस मशीन के आ जाने से अब रोज़ दस कर्मचारियों को घंटों चंदन घिसते रहने की ज़रूरत नहीं रहेगी।
भगवान् पर रोज़ चंदन लेप करने के लिए 750 ग्राम चंदन घिसना पड़ता है। चंदन में केसर भी डाला जाता है। अब तक चंदन का लेप बनाने के लिए दस कर्मचारियों को लगातार चार महीने काम करना पड़ता था। लेकिन अब मंदिर समिति ने हाईटेक होने का निर्णय लिया है और जलगाँव से चंदन घिसने के यंत्र को मँगवाया गया है।

अगले तीन महीने ग्रीष्म ऋतु चरम पर रहेगी और भगवान विट्ठल को ठंडक प्रदान करने के लिए उनकी पूरी प्रतिमा पर चंदन का लेप किया जाता है। लेप के लिए ख़ास तौर पर मैसूर से उच्च कोटी का चंदन मँगवाया जाता है। चैत्र शुक्ल द्वितिया से मृग नक्षत्र लगने तक चंदन का लेप होता है। भगवान पर रोज़ दोपहर के वस्त्र-पोषाक के समय लगाया गया चंदन लेप दूसरे दिन प्रभात आरती के समय हटाया जाता है।

भगवान की रोज की पूजा-अर्चना के बाद अब उन्हें वस्त्र पहनाने के स्थान पर चंदन का लेप लगाया जाएगा। उसी के साथ माता रूक्मिणी को भी इसी तरीके से चंदन का लेप लगाया जाएगा।