भुजबल की रिहाई हेतु इंदापुर में रोका रास्ता

पुणे, राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल को रिहा करने के साथ ही ओबीसी समाज की जाति अनुसार जगगणना करने की मांग को लेकर इंदापुर तहसील ओबीसी समाज और बारा बलुतेदार समाज संगठन की ओर से इंदापुर-अकलुज राज्य मार्ग पर रास्ता रोको आंदोलन किया गया जिसमें अनिल राऊत, रेश्मा भोंग, संजय शिंदे, अतुल मिसाल, बाबजी भोंग, निवृत्ती गायकवाड़, रमेश शिंदे, देवराज जाधव, ज्ञानदेव बनकर, गणेश झगडे, हनुमंत बनसुडे और एड. कृष्णाजी यादव शामिल थे। आंदोलन के बाद तहसीलदार श्रीकांत पाटिल को ज्ञापन दिया गया।
सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कानून की धारा 45 को रद्द किया है। इसके कारण कार्यकर्ताओं को लगता था कि भुजबल जल्द ही जेल से रिहा हो जाएंगे, लेकिन सरकार ने फिर से उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर जेल भेजा है। जब तक भुजबल को रिहा नहीं किया जाता तब तक माली समाज के विक्रेता राज्य के सभी सब्जी मंडी और मछली बाजार में रही अपनी दूकानें बद रखेंगे। आजादी के पहले देश में पिछड़े वर्गीयों की संख्या 52 प्रतिशत थी। अब यह संख्या 27 प्रतिशत तक कम हुई है। ओबीसी समाज की स्वतंत्र जनगणना कर आरक्षण दें, विद्यार्थियों को फिर से छात्रवृत्ति शुरु करें, महात्मा फुले ओबीसी महामंडल का बजट बढ़ाने की मांग संगठन ने की है।