मिलेनियल्स द्वारा किये गये दावों में किडनी संबंधी रोगों में 26 प्रतिशत की वृद्धि : एसबीआई जनरल ​ इंश्योरेंस

विश्‍व किडनी दिवस के अवसर पर, भारत की सबसे तेजी से बढ़ती सामान्य बीमा कंपनियों में से एक एसबीआई जनरल इंश्योरेंस द्वारा दावों से संबंधित आंकड़ों का अध्ययन में पता चला है कि वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2017-18 के बीच 18 से 35 वर्ष के आयु वर्ग में किडनी के संक्रमण और विकास संबंधी जटिलताओं के लिये दावों में 26 प्रतिशत की बढ़त हुई है। इन आंकड़ों में रोचक बात यह है कि इन तीन वर्षों में 65 वर्ष या इससे अधिक आयु के लोगों के दावों में 24 प्रतिशत की कमी आई है। इससे पता चलता है कि आज के युवा स्वस्थ नहीं हैं।

अध्ययन यह भी बताता है कि किडनी सम्बंधी रोगों के लिये पुरूषों द्वारा किये गये दावों की संख्या अधिक है। वित्तीय ​​वर्ष 2017-18 में पुरूषों द्वारा 55 प्रतिशत दावे किये हैं। भले ही पुरूषों द्वारा किये गये दावों की संख्या अधिक है लेकिन महिलाओं द्वारा किये जा रहे दावों में भी साल दर साल बढ़ोतरी हो रही है। वित्त वर्ष 2015-16 में महिलाओं द्वारा किये गये दावों की संख्या 39 प्रतिशत थी जोकि वित्त वर्ष 2017-18 में बढ़कर 45 प्रतिशत पहुंच गई। आज के पुरूषों की आलस्य भरी जीवन शैली, अल्कोहल और तंबाकू जैसे हानिकारक पदार्थों के सेवन के कारण उनमें किडनी संबंधी रोगों का जोखिम बढ़ गया है। अध्ययन के आंकड़ों के अनुसार महिलाएं भी इसमें पीछे नहीं हैं, क्योंकि किडनी संबंधी रोगों के कुल दावों में लगभग आधी हिस्सेदारी उनकी है। इससे पता चलता है कि महिलाएं भी पुरूषों जैसी जीवन शैली अपना रही हैं।

इस अध्ययन में कुछ दिलचस्प तथ्य सामने आये हैं:

* स्वास्थ्य बीमा के कुल दावों का 5 प्रतिशत भुगतान किडनी संबंधी दावों के लिये किया गया है।

* मधुमेह संबंधी किडनी रोगों का दावा वर्ष 2015-16 में 1.4 प्रतिशत था, जो वर्ष 2017-18 में बढ़कर 4 प्रतिशत हो गया।

* अधिकांश दावे मेट्रोपोलिटन शहरों से हैं, जबकि 32 प्रतिशत दावे गैर-मेट्रो शहरों से हैं। यह मेट्रोपॉलिटन शहरों में उपलब्ध विशेषीकृत उपचार और डायलिसिस की सुविधा के कारण हो सकता है।

* विगत तीन वर्षों में किडनी संबंधी रोगों के लिये किये गये 66 प्रतिशत दावे नॉन-सर्जिकल श्रेणी में आते हैं, जहाँ अधिकांश रोगों का उपचार डायलिसिस से किया गया है। वर्ष 2015-16 से 2017-18 तक इसमें वर्ष दर वर्ष बढ़त हुई है।

एसबीआई जनरल इंश्योरेंस में दुर्घटना एवं स्वास्थ्य दावों के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट श्री सुखेश भावे ने कहा, ‘‘एसबीआई जनरल इंश्योरेंस का लक्ष्य इस रिपोर्ट के माध्यम से युवाओं और महिलाओं में किडनी संबंधी रोगों की वृद्धि पर जागरूकता फैलाना है। महिला दिवस के अवसर पर एसबीआई जनरल द्वारा महिलाओं के स्वास्थ्य पर किये गये एक अन्य अध्ययन से पता चला कि स्वास्थ्य बीमा के लिये 18 से 35 वर्ष की महिलाओं ने अधिकतम दावे किये। हमारे पास उपलब्ध डाटा से पता चलता है कि महिलाओं और युवाओं में किडनी संबंधी रोगों में हो रही वृद्धि का कारण है, बढ़ता तनाव, आलस्य वाली जीवन शैली और अपूर्ण आहार। इस तरह की बीमारियों को दूर रखने के लिए व्यायाम और स्वास्थ्यकर भोजन लेना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘कोई बीमारी होने कि संभावना में महिलाए अधिकतर हेल्थ चेक-अप करवाने से हिचकिचाती हैं क्योंकि उन्हें उसके इलाज के खर्चे का डर होता है। हमारा उद्देश्य महिलाओं की इस सोच को बदलना है। हम एसबीआई जनरल की सामान्य स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी की पेशकश कर रहे हैं, जिसके लिये हर साल केवल 1,300 रूपये का प्रीमियम देना होता है। इस पॉलिसी में 50,000 रूपये से लेकर 5,00,000 रूपये तक का व्यापक कवरेज शामिल है। इसके अलावा, पॉलिसी 2,500 रूपये तक की अधिकतम सीमा तक प्रत्येक चार दावा-रहित वर्षों के लिये फ्री मेडिकल चेक-अप्स की पेशकश भी करती है।‘‘

विश्‍व किडनी दिवस हर साल मार्च में मनाया जाता है। यह एक सेहतमंद एवं सम्पूर्ण जीवन जीने के लिये इन रोगों की अहमियत के बारे में लोगों को शिक्षित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है।