योगी सरकार मुजफ्फरपुर दंगे के 131मामले में दर्ज मुकदमे वापस ले रही है

नई दिल्ली : समाचार एजेंसी
यूपी की योगी सरकार ने साल 2013 के मुजफ्फरनगर और शामली दंगों से जुड़े 131 केस वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें 13 हत्या के मामले और 11 हत्या की कोशिश के मामले हैं। योगी सरकार के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने साफ कहा कि वैसे मामले जो राजनीतिक दुर्भावना के तहत दर्ज किए गए थे, सरकार उन्हें वापस लेगी।

मुजफ्फरनगर दंगों में योगी सरकार द्वारा केस वापसी पर सांसद संजीव बालियान का कहना है कि उन्होंने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों में महिलाओं, बच्चों और निर्दोषों पर मुकदमे दर्ज किए गए थे, जो वापस होने चाहिए. योगी सरकार ने यह प्रक्रिया शुरू भी कर दी है।

उन्होंने पत्र में लिखा कि पिछली सरकार ने राजनीति रूप से प्रेरित होकर के मामले दर्ज किए थे। जो कि गलत हैं और वापस होने चाहिए. संजीव बालियान का कहना है कि सरकार की इसमें पहल का स्वागत करता हूँ। साथ ही उम्मीद करता हूँ कि सरकार इस मामले में कार्रवाई करके उसको वापस लेगी। उनका कहना है कि इन केसों में हत्या का मामला दर्ज नहीं है। इसमें तोड़फोड़ आगजनी जैसे मामले दर्ज किए गए थे।

विपक्ष ने लगाया आरोप

मुजफ्फरनगर दंगों के केस वापस लेने के मामले पर विपक्ष ने योगी सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार अपने लोगों को बचा रही है। इस पर संजीव बालियान का कहना है कि विपक्ष का काम है, ऐसे आरोप लगाना। लेकिन पिछली सरकार ने गलत ढंग से ऐसे मुकदमे दर्ज किए गए थे। अब योगी सरकार में एक कानूनी प्रक्रिया के तहत यह निर्णय लिया जा रहा है।

सपा ने योगी सरकार की कोशिशों को कोसा

वहीं समाजवादी पार्टी ने मुजफ्फरपुर दंगे के मामलों को वापस लेने की योगी सरकार की कोशिशों को जमकर कोसा है। पार्टी प्रवक्ता और नेता उदयवीर सिंह ने कहा कि यह सीधे-सीधे न्यायिक व्यवस्था में हस्तक्षेप है। अगर किसी को बरी होना है तो उसे अदालत से बरी होना होगा। सरकार अपने लोगों को दंगे से बचाने के लिए ये काम कर रही है।