लांडगे समर्थक राहुल जाधव का स्थायी समिति सदस्य पद से इस्तीफा

“महापौर ‘भोसरी’ का ही” की गतिविधियां हुई तेज 
संतोष मिश्रा

पिम्परी : पुणे समाचार ऑनलाइन

स्थायी समिति अध्यक्ष के बाद अब महापौर और सभागृह नेता बदलाव की बयार चल पड़ी है। बीते दिन पुणे समाचार ने “महापौर भोसरी का ही” शीर्षक तले खबर प्रकाशित कर स्थायी समिति अध्यक्ष पद को लेकर पिम्परी चिंचवड़ मनपा की सत्ताधारी भाजपा में सियासी घमासान शांत करने के लिए दोनों विधायकों के बीच हुई ‘डील’ का खुलासा किया था। आज इस लिहाज से गतिविधियां तेज हो गई हैं। स्थायी का अध्यक्ष पद न मिलने से नाराज चल रहे भोसरी के विधायक महेश लांडगे के कट्टर समर्थक राहुल जाधव ने आज अपना इस्तीफा महापौर नितिन कालजे को सौंप दिया। वहीं एक संवाददाता सम्मेलन में महापौर कालजे के इस्तीफे के बारे पूछने पर भाजपा शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप ने गोलमोल जवाब देकर टालने की कोशिश की। आज के ये दोनों वाकये महापौर बदलाव की ओर साफ इशारा करते हैं। राहुल जाधव का इस्तीफा महापौर पद के लिए ही है, यह चर्चा सियासी गलियारे में शुरू हो गई है।

विधायक जगताप ने अपनी समर्थक ममता गायकवाड़ को मौका देकर स्थायी समिति अध्यक्ष पद लगातार दूसरे साल अपने कब्जे में रखने में सफलता पायी। विधायक लांडगे गुट के राहुल जाधव को मौका न मिलने से भाजपा में सियासी घमासान छिड़ गया। इस गुट के जाधव के साथ ही महापौर नितिन कालजे और क्रीड़ा समिति अध्यक्ष लक्ष्मण सस्ते ने अपने इस्तीफे सौंप दिए। इस्तीफों का दौर एक ड्रामा साबित हुआ और चुनाव निर्विघ्न सम्पन्न हुआ। सियासी घमासान शांत करने के लिहाज से पार्टी के शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप और भोसरी के विधायक महेश लांडगे के बीच एक ‘डील’ हुई, जिसमें स्थायी समिति अध्यक्ष पद जगताप के चिंचवड़ निर्वाचन क्षेत्र में जाने के बाद महापौर पद लांडगे के भोसरी निर्वाचन क्षेत्र में ही कायम रखना तय हुआ है। बदलाव की इस बयार में सभागृह नेता एकनाथ पवार पर गाज गिरनी निश्चित मानी जा रही है क्योंकि यह पद चिंचवड़ निर्वाचन क्षेत्र में जाना तय किया गया है।

दोनों विधायकों की ‘डील’ के अनुसार आज लांडगे समर्थक राहुल जाधव ने स्थायी समिति सदस्य पद से इस्तीफा महापौर नितिन कालजे को सौंप दिया। हांलाकि उन्होंने इससे पहले भी इस्तीफा दिया था, मगर वह सभागृह नेता एकनाथ पवार को सौंपा गया था, जबकि नियमानुसार उसे महापौर को सौंपा जाना था। उनका इस्तीफा महापौर पद की दिशा में उठाया गया पहला कदम माना जा रहा है। विधायक महेश लांडगे जाधव की नाराजगी दूर के साथ ही उनके निर्वाचन क्षेत्र में निर्णायक साबित माली (ओबीसी) समाज की नाराजगी दूर करने की कोशिशों में हैं। वहीं दूसरी ओर सत्ता की सालगिरह पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भाजपा शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप ने महापौर नितिन कालजे के इस्तीफे से जुड़े सवाल का गोलमोल जवाब देकर कन्नी काटने की कोशिश की। यह भी महापौर बदलाव के ही संकेत दे रहे हैं। बहरहाल यह सारी तस्वीर जल्द ही साफ हो जाएगी ऐसा भाजपा के सूत्रों ने स्पष्ट किया है।