पुणे पुलिस आयुक्तालय: 4 वरिष्ठ पदों की ज़िम्मेदारी संभालने वाले पहले अफसर बने सिंघल

पुणे: आईपीएस अधिकारी संजीव कुमार सिंघल पहले ऐसे अधिकारी हैं, जो पुणे पुलिस आयुक्तालय में पुलिस उपायुक्त, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, सहायक आयुक्त और कुछ दिनों के लिए प्रभारी आयुक्त के रूप में कार्यरत रहे। पुणे के इतिहास में यह अवसर अब तक किसी भी अधिकारी को नहीं मिला है।

संजीव कुमार सिंघल ने पुणे शहर पुलिस में 1999 से 2000 तक परिमंडल 2 में पुलिस उपायुक्त की ज़िम्मेदारी संभाली। हालांकि, उन्होंने दो या तीन सप्ताह तक कार्यभार संभाला, लेकिन बहुत थोड़े से समय में ही उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किए। इसके बाद उनका तबादला सोलापुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक के पद पर किया गया। वह औरंगाबाद में पुलिस अधीक्षक के रूप में पदोन्नत हुए। जबकि उनका तबदला डीआईजी के रूप में पुणे के वायरलेस विभाग में हुआ था। इसके बाद उनका स्थानांतरण पुणे पुलिस में अपर पुलिस आयुक्त के रूप में किया गया।  जहां उन्हें प्रशासन (एडमिनिस्ट्रेशन) की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस दौरान उन्होंने अपनी कार्यशैली से सबका मन मोह लिया। उन्होंने पुलिसकर्मियों की समस्याओं को हल करके यह साबित कर दिया कि हर अधिकारी एक जैसा नहीं होता। उन्होंने इस बात पर विशेष ध्यान दिया कि पुलिस कल्याण निधि का इस्तेमाल अच्छे काम के लिए किया जाए। उनके पास इस विभाग की जिम्मेदारी 13 फरवरी 2009 से 18 जुलाई 2011 तक थी। उसके बाद पदोन्नति के साथ वे विशेष पुलिस महानिरिक्षक नियुक्त हुए।

बदमाशों के आतंक से मिली मुक्ति
संजीव सिंघल की 18 जुलाई 2011 को पुणे में सहायक पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्ति हुई थी। तकरीबन ढाई साल तक उन्होंने इस ज़िम्मेदारी को बखूबी संभाला। उनके कार्यकाल के दौरान शहर की शांति को नुकसान पहुँचाने वाले कई बदमाशों पर मोका के अंतर्गत कारवाई की गई। जिसके चलते पुणे को गुंडे-बदमाशों के आतंक से मुक्ति मिली। इसके बाद सिंघल ने मार्च 2017 को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक का कार्यभार संभाला। उनकी नियुक्ति सीआईडी में हुई। पुणे पुलिस आयुक्त रश्मि शुक्ला जब 15 फरवरी से 4 मार्च तक छुट्टी पर थीं, तब संजीव सिंघल ही प्रभारी पुलिस आयुक्त थे।

हर वक़्त शहर पर थी नज़र

चूंकि प्रभारी पद अस्थायी होता, इसलिए अधिकांश अधिकारी ज़रूरत के हिसाब से कार्य करते हैं, लेकिन सिंघल ने अपना पूरा ध्यान शहर पर केंद्रित रखा। इस दौरान जब नागजरी के तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया, तो सिंघल ने खुद घटनास्थल का दौरा किया।  इतना ही नहीं जब रविवार पेठ स्थित सराफा दुकान में लूट की वारदात हुई थी, तो सिंघल के मार्गदर्शन में पुलिस ने 12 घंटे के अंदर आरोपियों को गिरफ्तार किया।

किसी को नहीं मिला अवसर

पुणे पुलिस आयुक्तालय में 4 वरिष्ठ पदों पर काम करने का मौका संजीव कुमार सिंघल को मिला है। अबतक पुणे पुलिस आयुक्तालय में विभिन्न पदों पर काम करने अधिकारी राज्य पुलिस बल में महासंचालक पद तक पहुंचे, पर कुछ अधिकारियों ने मुंबई पुलिस आयुक्त के रूप में काम किया, लेकिन उसमें से किसी को भी पुणे पुलिस आयुक्तालय के 4 वरिष्ठ पदों पर कार्य करने का अवसर नहीं मिला।