सामाजिक सालोखा परिषद से आरपीआई करेगी विधानसभा चुनाव का आग़ाज़

पिम्परी। दिल्ली से लेकर गली तक सत्ता पाने वाली भाजपा में जहाँ विधानसभा की पिम्परी सीट को लेकर आपसी मनमुटाव सतह पर पहुंच गए हैं। वहीं भाजपा की सहयोगी पार्टी आरपीआई (आठवले) ने इस सीट के लिए कमर कस ली है। इस सीट से दो बार चुनाव लड़ चुकी भूतपूर्व नगरसेविका व आरपीआई की वरिष्ठ नेता चंद्रकांता सोनकाम्बले ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। 1 मार्च को पिम्परी में आयोजित सामाजिक सलोखा परिषद के जरिए वे विधानसभा चुनाव का आग़ाज़ करने जा रही हैं।

पिम्परी चौक स्थित डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर स्मारक के पीछे मैदान में गुरुवार 1 मार्च को यह परिषद आयोजित की गई है। इसमें आरपीआई सुप्रीमो व केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले और पुणे जिले के पालकमंत्री गिरीश बापट की प्रमुख उपस्थिति होगी और अन्य कई शीर्ष नेता शिरकत करने जा रहे हैं। पिम्परी चिंचवड़ मनपा चुनाव हारने के बाद सियासी गतिविधियों से दूरियाँ बनाये रखने वाली पूर्व नगरसेविका सोनकाम्बले विधानसभा चुनाव के करीब आते ही पुनः सक्रिय हो गयी हैं। यह सलोखा परिषद उनकी चुनावी तैयारियों का ही एक हिस्सा माना जा रहा है।

भाजपा- आरपीआई गठबंधन में पिम्परी विधानसभा की सीट जो कि पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित है, सीटों के बंटवारे के तहत आरपीआई के कब्जे में है। लगातार मिल रही जीत के चलते हौसले बुलंद भाजपा के महत्वाकांक्षी नेताओं की नजर इस सीट पर पहले से है। यहां से स्थायी समिति अध्यक्षा सीमा सावले तीव्र इच्छुक हैं। मनपा चुनाव के बाद भाजपा की पहली स्थायी समिति अध्यक्षा बनने के बाद उनकी ‘ताकत’ और महत्वकांक्षा और ज्यादा बढ़ गई है। हांलाकि उनके समक्ष राज्यसभा सांसद अमर साबले की कड़ी चुनौती है, जो अपनी सुपुत्री वेणु साबले को मैदान में उतारने की कोशिशों में जुटे हैं।

साबले पिम्परी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, उन्हें राष्ट्रवादी कांग्रेस के अन्ना बनसोडे से परास्त होना पड़ा था। हांलाकि लोकसभा चुनाव में भाजपा की भारी जीत के बाद उनकी लॉटरी लग गयी और वे सीधे राज्यसभा पर चुने गए। चंद दिनों पूर्व स्थायी समिति के भ्रष्टाचार के बारे में मुख्यमंत्री से की गई शिकायत उनकी अपनी बेटी के लिए की जा रही फील्डिंग का हिस्सा मानी गई। वेणु साबले के अलावा नए शिक्षा सम्राटों में शुमार अमित गोखले भी इन सीट से इच्छुक हैं। इसके अलावा मोदी लहर में सवार होकर विधायकी की नैय्या पार लगाने की कोशिश में जुटे भाजपा समेत दूसरी पार्टियों के कुछ नेताओं के नाम भी रेस में आ सकते हैं। भाजपा में जारी कारगुजारियों के बीच आरपीआई द्वारा अपनी तैयारियों का आग़ाज़ किये जाने से भाजपा के इच्छुकों में खलबली मच गई है।