सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट:10 साल तक की बच्चियों से रेप के देशभर में कितने केस है पेंडिंग।

दिल्ली में 8 महीने की बच्ची का  रेप के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दर्ज की गई है।
दिल्ली में 8 महीने की बच्ची से रेप के मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि देशभर की अदालतों में 10 साल तक की बच्चियों के रेप में कितने मामले पेंडिंग हैं। कोर्ट ने इस संबंध में सारी डिटेल रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले बुधवार को कोर्ट ने इसे बेहद गंभीर घटना माना था। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा था, “बच्चियों के रेप पर सुप्रीम कोर्ट पहले भी चिंता जता चुका है। बच्चियों से होने वाले बेदर्द सेक्शुअल हैरेसमेंट के खिलाफ सख्त कानून बनाने का काम हमने संसद पर छोड़ा था। अब तक कुछ नहीं हुआ। ऐसे में आज फिर हमें वही बात दोहरानी पड़ रही है।”
दिल्ली में मंगलवार को एक आठ माह की बच्ची से रेप का मामला सामने आया था। उसे गंभीर हालत में हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था ।आरोपी बच्ची का रिश्तेदार ही है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने गुनाह भी कबूल कर लिया है। विक्टिम के पिता का कहना है कि बच्ची को घर पर छोड़कर हम (पति-पत्नी) काम पर निकल गए थे। पत्नी ने लौटकर देखा तो बच्ची के कपड़ों और बिस्तर पर खून लगा था।
बुधवार को  कोर्ट के आदेश पर तीन डॉक्टरों की टीम ने हॉस्पिटल जाकर रेप विक्टिम बच्ची की जांच की थी। उन्होंने गुरुवार को इसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश की।वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने बुधवार सुबह चीफ जस्टिस के सामने इस केस का जिक्र किया था। चीफ जस्टिस ने इस पर सुनवाई का फैसला करते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल को 2 बजे मौजूद रहने को कहाथा।  एएसजी पीएस नरसिम्हन, तुषार मेहता और पिंकी आनंद तय वक्त पर कोर्ट पहुंच गए। सुनवाई के दौरान अलख आलोक ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक केस में आदेश दिया था कि 10 साल तक की बच्चियों से रेप के दोषियों के लिए सख्त सजा का प्रॉविजन किया जाए। अब तक कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि, कोर्ट निर्देश दी  कि 12 साल तक की बच्चियों से रेप का ट्रायल छह महीने में पूरा कर दोषियों को मौत की सजा दी जायेगी।