5 साल में काटे 14 हजार पेड़; बदले में मात्र 6105 पेड़ों का पुनर्रोपण

पिंपरी। ग्रीन सिटी के रूप में रही पिंपरी चिंचवड़ शहर की पहचान पिछले कुछ वर्षों से मिटती जा रही है। शहर में पेड़ों की कटाई बढ़ गई है, उसके बदले में किये जाने वाले पुनर्रोपण का प्रमाण काफी कम है। गत पांच वर्षों में, पिंपरी चिंचवड़ मनपा की अनुमति से शहर में 14 हजार 348 पेड़ काट दिए गए हैं। अब तक, उसके बदले में केवल 6105 पेड़ों का पुनर्रोपण किये जाने की जानकारी सामने आयी है। वहीं बिना अनुमति के पेड़ काटने के आरोप में 37 लोगों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए गए हैं।
पिंपरी चिंचवड़ में स्मार्ट सिटी के नाम पर बड़ी संख्या में पेड़ काटे जा रहे हैं। परिणामस्वरूप, शहर में प्रदूषण बढ़ रहा है और पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। शहर के कुल भूमि क्षेत्र का 15.13 प्रतिशत हिस्सा हरा है। मनपा द्वारा हर साल बारिश के मौसम की शुरुआत में वृक्षारोपण किया जाता है। कीटकों द्वारा नुकसान पहुंचाए गए, सड़े, ज़िंदगी के लिए ख़तरा पैदा करने वाले, आर्थिक नुकसान के साथ-साथ दुर्घटनाएँ के कारक बननेवाले पेड़ों को हटाया जाता है। इसके लिए सम्बंधित व्यक्ति का आवेदन मिलने के बाद मौके पर जाकर निरीक्षण करने के बाद जरूरत के अनुसार पेड़ों की छंटनी या कटाई की जाती है। आवेदन मिलने के 60 दिनों के भीतर कार्यवाही की जाती है। पिंपरी-चिंचवड मनपा के वृक्ष प्राधिकरण समिति ने पिछले पांच वर्षों में 14 हजार 348 पेड़ों को काटने की अनुमति दी है। वहीं उसके बदले में मात्र 6105 पेड़ों के पुनर्रोपण की अनुमति दी गई है। इससे साफ होता है कि मनपा पेड़ों की कटाई में अग्रणी है और पुनर्रोपण में पीछे है।