चना भुजा बेचने वाला लड़का बनेगा डॉक्टर !

किनवट (जिला-नांदेड़ ), 20 नवंबर  घर की स्थिति ख़राब, गरीबी की जिंदगी ऐसी स्थिति में उसने संघर्ष करके खूब पढाई की।  इस दौरान कई चीजें बिक गई।  अब उसे अपने परिश्रम का फल मिला है।  हाल ही में हुए नीट परीक्षा में उसे 750 में से 625 अंक प्राप्त हुए है।  एमबीबीएस के मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए पात्र घोषित  घोषित किये गए है।  यह है रामप्रसाद जुनगरे की विजयगाथा।

यहां अयप्पास्वामी मंदिर के बगल की बस्ती के एक झोपड़ी में रामप्रसाद मां-पिता के साथ रहते है।  जुनगरे परिवार का सबकुछ रामप्रसाद के पिता के व्यवसाय पर निर्भर है। पिता के व्यवसाय में हाथ वंटाने के साथ ही रामप्रसाद ने अपनी जिद से दसवीं तक की पढाई गांव में पूरी की।  आगे 11वी और 12वी के लिए वह पुणे आ गया।  फर्गुसन कॉलेज में पढाई करने के दौरान वह मनपा के हॉस्टल में रहता था। उसके पढ़ने की चाहत को देखते हुए पुणे के लाइफ फॉर एप्लीमेंट संस्था ने उसे पढ़ने के लिए मार्गदर्शन और मदद दी।  इसमें डॉ. अतुल ढाकने का सहयोग मिला।
एमबीबीएस में भी मदद की 
उसके परिवार ने कहा है कि मेडिकल में प्रवेश पाने के लिए रामप्रसाद को आर्थिक मदद की जरुरत है।  परिश्रम से यह सफलता मिली है। उसके पिता फ़क़ीरराव जुनगरे  ने बताया कि   पुणे में पढ़ने के दौरान गांव आने पर वह गाड़ी पर चना का भुजा बेचने में मदद भी करता है।