Ajit Pawar | सबको साथ लेकर चल रही है उद्धव ठाकरे की सरकार  : अजित पवार

मुंबई (Mumbai News) – मुख्यमंत्री ने कैबिनेट के साथ अपनी बैठक में कुछ अहम फैसले लिए। अजीत पवार (Ajit Pawar) ने आज पत्रकारों से बात करते हुए इस बात की जानकारी दी। अजित पवार (Ajit Pawar) ने कहा कि कुछ जिलों में आदिवासी बहुल जिले हैं, जो ओबीसी सीटों को प्रभावित करते हैं। उनके साथ अन्याय किया जाता है। अपने पास जो भी आरक्षण (Reservation) है वह 52% है। पालघर, नंदुरबार में अन्य वर्गों के लिए जगह नहीं है। कई लोग कह रहे थे कि जहां अन्याय है, वहां दूसरे पक्ष को मुआवजा दिया जाना चाहिए।

समिति का गठन पहले छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) की अध्यक्षता में किया गया था। उन्होंने प्रस्ताव रखा था। चर्चा कर मार्ग प्रशस्त किया। अजित पवार ने यह भी कहा कि जिन लोगों को कहीं भी आरक्षण नहीं मिला उनके लिए सीटें आरक्षित की गई हैं और कुछ सीटें ओबीसी (OBC) के लिए आरक्षित की गई हैं।

राजनीतिक आरक्षण (Political Reservation) के लिए वकीलों से बात कर रास्ता निकालने की कोशिश की। सभी दलों के नेताओं से चर्चा की। इसमें से एक राय सामने आई कि जब तक ओबीसी की सीटें खाली हैं तब तक चुनाव नहीं होने चाहिए। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) के फैसले की घोषणा की। अन्याय को खत्म करने के लिए कुछ निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ निर्णय लिए जाएंगे और कुछ नहीं किए जाएंगे।

विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की ओर से की गई आलोचना पर अजित पवार ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि कैसे आगे बढ़ना है, इसकी जानकारी देने के बाद अलग-अलग प्रतिक्रियाएं हुईं। ऐसी थी दिवंगत बुद्धिजीवियों की प्रतिक्रिया। लोकतंत्र में आलोचना करने का अधिकार है। उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व में सरकार सभी जातियों और धर्मों के लिए और सभी को एक साथ लाने वाली सरकार है।

अध्यादेश को हटाने के लिए कहा गया है। चुनाव आयोग स्वतंत्र है और हम इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकते। वे अपने तरीके से काम कर रहे हैं। यह तब हो सकता है जब आप किसी भी तत्व को ठेस न पहुँचाने का प्रयास करें। उन्होंने केंद्र से 50 फीसदी शर्त हटाने और राज्य को सत्ता देने की मांग की लेकिन कुछ नहीं हुआ। अजीत पवार ने कहा कि हमारी भूमिका किसी को आरक्षण देते हुए मूल आरक्षण को खतरे में डालने की नहीं है।

केंद्र को केंद्र का काम करना चाहिए, लेकिन राज्य के अधिकारों पर हमला नहीं होना चाहिए, राज्य के अधिकार समान रहने चाहिए। राज्य को स्टांप ड्यूटी और जीएसटी से टैक्स मिलता है। योजना के अनुसार जारी रखें। अजीत पवार ने यह भी कहा कि कोरोना को लेकर पहले दी गई रियायतें दी जानी चाहिए। अगर हम पेट्रोल और डीजल (petrol-diesel) पर स्टैंड लेते हैं, तो मतभेद हो सकता है। अजीत पवार ने यह भी कहा कि अगर राज्य सरकार (State Government) के करों को कम करने के अधिकार पर हमला होता है तो हम एक स्टैंड लेंगे।

 

 

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