निजी अस्पतालों के बिलों की जांच के लिए इंजीनियरों की नियुक्ति

संवाददाता, पिंपरी। निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों से बेवजह, ज्यादा बिलिंग की शिकायतें बनी हैं। इन शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए पिंपरी चिंचवड़ मनपा आयुक्त ने चिकित्सा बिलों के ऑडिट के लिए उप अभियंता और कनिष्ठ अभियंताओं को नियुक्त किया है। 135 निजी अस्पतालों के बिलों के ऑडिट के लिए 30 इंजीनियरों की नियुक्ति की गई है।
पिंपरी-चिंचवड़ में अभी भी कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। वाईसीएमएच अस्पताल, भोसरी अस्पताल, न्यू जीजामाता अस्पताल, जंबो कोविड अस्पताल, ऑटो क्लस्टर अस्पताल और अन्नासाहेब मगर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बड़ी संख्या में मरीजों का इलाज किया जा रहा है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मनपा ने शहर के 135 निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज की अनुमति दी है। राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों में इलाज के लिए भी दरें तय की हैं। हालांकि लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि निजी अस्पताल मनमाने ढंग से बिल वसूल रहे हैं।
इसी पृष्ठभूमि में मनपा आयुक्त राजेश पाटिल ने मेडिकल बिलों के प्री-एंड फाइनल ऑडिट के लिए कमेटी का गठन किया है। बिल ऑडिट के काम को और प्रभावी और कुशल बनाने के लिए इंजीनियरों और जूनियर इंजीनियरों की मदद लेने का निर्णय लिया गया है। इन सभी कार्यों की जिम्मेदारी मनपा के सह शहर अभियंता श्रीकांत सवणे को सौंपी गई है। इनके सहयोग से 30 उप अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता की नियुक्ति की गई है। इन सभी नियुक्तियों को अस्पतालवार किया गया है। ये इंजीनियर मेडिकल बिल की शिकायत के मामले में ऑडिट कमेटी के साथ समन्वय स्थापित करेंगे। शिकायतों का सत्यापन करेंगे। यदि बिलों में कोई अनियमितता पाई जाती है तो निजी अस्पताल प्रशासन को उचित बिल वसूलने का आदेश देगा। मनपा आयुक्त पाटिल ने प्राप्त शिकायतों पर 7 दिनों के भीतर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।