भीमा कोरेगांव हिंसा और यलगार परिषद आयोजन का मामला :19 आरोपियों के खिलाफ ड्राफ्ट चार्जशीट दाखिल

पुणे, संवाददाता :पुलिस ने पुणे की सत्र अदालत में यलगार परिषद के आयोजन और भीमा कोरेगांव हिंसा के मामले के आरोपियों के खिलाफ ड्राफ्ट आरोप पत्र दायर किया है। कुल 19 आरोपियों में अरुण थॉमस फेरेरिया, रोना जैकब विल्सन, सुधीर प्रल्हाद धवले शामिल हैं। आरोपियों में मानवाधिकार वकील, शिक्षाविद और लेखक शामिल हैं। पुलिस ने इनका संबंध प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी), कबीर कला मंच से बताया है। पुलिस के मुताबिक अभी भी कुछ माओवादी गुट से जुड़े लोग इसमें गिरफ्तार नहीं हो सके हैं।
इस ड्राफ्ट चार्जशीट में कहा गया है कि सभी 19 आरोपी पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के तरह ही रोड शो के दौरान पीएम मोदी की हत्या की साजिश रच रहे थे। अभियोजन पक्ष ने विशेष यूएपीए न्यायाधीश एस आर नवेंडर को सौंपे गए मसौदे में 16 आरोपों का उल्लेख किया। इनमें आतंकवाद विरोधी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आठ आरोप और आईपीसी के तहत आठ आरोप शामिल हैं। इस मामले में एक जनवरी को सुनवाई की संभावना है।
आईपीसी की धारा 121 और 121-ए के तहत आरोपों का उल्लेख करते हुए मसौदे में कहा गया है कि सभी 19 गिरफ्तार, “जो प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन / सीपीआई माओवादी के सक्रिय सदस्य है, ने सरकार(केंद्र और राज्य) के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रची है। इसी के लिए सभी ने 8 करोड़ रुपए जमा किए और नेपाल और मणिपुर से भारी मात्रा में हथियार मंगाने का प्रयास किया गया था।
चार्जशीट के मुताबिक, 31 दिसंबर, 2017 को शहर में आयोजित एल्गर परिषद कार्यक्रम को सीपीआई (माओवादी) द्वारा एक बड़ी साजिश के तहत वित्त पोषित किया गया था। इसके अगले दिन एक जनवरी 2018 को भीमा-कोरेगांव लड़ाई की 200 वीं वर्षगांठ समारोह के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें एक की मौत और कई लोग घायल हो गए थे। भीमा-कोरेगांव में झड़प के बाद जनवरी में राज्यव्यापी बंद के दौरान पुलिस ने 162 लोगों के खिलाफ 58 मामले दर्ज किए थे।