नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – रेलवे प्रोटेक्शन फाॅर्स ने रेलवे के ई-टिकट की कालाबाज़ारी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है. इस रैकेट के तार पाकिस्तान, दुबई और बांग्लादेश से जुड़े है. आरपीएफ डीजीपीअरुण कुमार ने बताया कि उन्हें इसके पीछे टेरर फंडिंग का अंदेशा है. इस मामले में गिरफ्तार के एसबीआई के 2400 ब्रांचों में खाते मिले है. इसका मुखिया दुबई में बैठा है जबकि भारत के बेंगलुरु से इसका संचालन होता है। इस मामले में ई-टिकट का सॉफ्टवेयर बेचने वाले गुलाम मुस्तफा के साथ 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
अरुण कुमार ने बताया कि भुवनेश्वर से गिरफ्तार मुस्तफा ने अपने धंधे की शुरुआत 2015 में रेलवे के टिकट एजेंट के रूप में की थी. इसके बाद वह भारत से दुबई गए हामिद अशरफ के संपर्क में आया. मुस्तफा के लैपटॉप और मोबाइल से उसके पाकिस्तान, बांग्लादेश और दुबई, इंडोनेशिया से तार जुड़ते नज़र आ रहे है. गुलाम मुस्तफा के पास से ई-टिकट बनाने के सॉफ्टवेअर से IRCTC की 563 आईडी मिली है. बताया जा रहा है कि वह एक विदेशी नंबर का इस्तेमाल करता है. उसके 600 बैंक अकाउंट रीजनल बैंकों में है.
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