BJP | भाजपा का अगला टारगेट मुंबई, कोंकण और शिवसेना ! राणे, पाटिल को शामिल कर शिवसेना को शह 

मुंबई (Mumbai News), 8 जुलाई : (BJP) नारायण राणे (Narayan Rane) और कपिल पाटिल (Kapil Patil) को केंद्रीय मंत्रिमंडल (central cabinet) में स्थान देकर मुंबई (Mumbai) व कोंकण (Konkan) पर भाजपा (BJP) ने विशेष ध्यान  देने की कोशिश की है।  इन जगहों पर शिवसेना (Shiv sena) के वर्चस्व को शह देने की रणनीति आने वाले समय में दिखेगी।

राणे का राजनीतिक (political) सफर मुंबई (Mumbai) से शुरू हुआ और कोंकण (Konkan) की राजनीति में उनका प्रभाव है।  शिवसेना (Shiv sena) के कट्टर विरोधी की उनकी छवि रही है।  ठाकरे (Thackeray) परिवार और शिवसेना (Shiv sena) पर हमला करने वाले नेताओं में उन्हें गिना जाता है।  ऐसा कहा गया था कि शिवसेना का विरोधी होने की वजह से उनका भाजप (BJP) में प्रवेश हुआ और उसके बाद राज्यसभा (Rajya Sabha) का सांसद (MP) बनाये जाने में देरी हुई।

राणे के रूप में प्रखर शिवसेना (Shiv sena) विरोधी को मौका दिए जाने से आने वाले समय में दोनों दलों के बीच संबंध और तनावभरे हो सकते है।  ऐसा कहा जा रहा था कि दोनों पार्टियां फिर से साथ आएगी। लेकिन मंगलवार को समाप्त हुए विधानमंडल  (Legislature) अधिवेशन और बुधवार को राणे को मंत्रिमंडल (cabinet) में शामिल किये जाने से दोनों पार्टी के बीच कटुता बढ़ने की संभावना है।

मुंबई (Mumbai), ठाणे (Thane) और आसपास के परिसर के मनपा चुनाव इसी वर्ष और अगले वर्ष की शुरुआत में होगा।  मुंबई (Mumbai), कोंकण (Konkan) में राणे जबकि ठाणे (Thane), भिवंडी (Bhiwandi), पालघर (Palghar) में कपिल पाटिल (Kapil Patil) के प्रभाव का इस्तेमाल शिवसेना की हवा रोकने के किये जाने की भाजपा (BJP) की रणनीति नज़र आ रही है।  मुंबई (Mumbai) व आसपास के परिवार में बड़ी संख्या में आगरी समाज का वोट बैंक पर भाजपा ध्यान केंद्रित करती नज़र आ रही है।  प्रीतम मुंडे (Pritam Munde) को मंत्री न बनाकर भागवत कराड (Bhagwat of Karad) के रूप में वंजारी चेहरा चुना गया।  इसे मुंडे परिवार के लिए झटका माना जा रहा है।

प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) और संजय धोत्रे (Sanjay Dhotre) को किनारे किया गया।  ये दोनों मूल रूप से भाजपाई है।

धोत्रे को केंद्रीय मंत्री (Union Minister) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) का समर्थक माना जाता है।

नारायण राणे (Narayan Rane), कपिल पाटिल (Kapil Patil) व भारती पवार (Bharti Pawar) मूल भाजपाई नहीं है.

पहले से बाहर से आये नेताओ को मौका नहीं दिया गया था लेकिन अब यह दरवाजा खोल दिया गया है।

 

 

 

 

 

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