अब राष्ट्रवादी कांग्रेस के 150 लोगों पर केस दर्ज!

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन –  विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस की तरफ से सरकार के खिलाफ किया गया आंदोलन महंगा पड़ने वाला है. आंदोलन का परमिशन नहीं मिलने के बावजूद भीड़ इकट्ठी कर आंदोलन करते हुए जमावबंदी के आदेश का उल्लंघन किया गया. इस मामले में युवक प्रदेशाध्यक्ष सहित 150 लोगों के खिलाफ तलेगांव दाभाड़े पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है. यह आंदोलन मंगलवार की दोपहर सवा 12 बजे पुणे-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर उर्से टोलनाका में किया गया था.

जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है उनमें महाराष्ट्र प्रदेश राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के अध्यक्ष मेहबूब शेख (उम्र 32 वर्ष, नि. बीड), कार्याध्यक्ष रविकांत वरपे (उम्र 33 वर्ष, नि. पिंपले निलख), पुणे जिला समन्वयक राकेश कामठे (उम्र 32 वर्ष, कोंढवा, पुणे), पुणे शहर युवक अध्यक्ष महेश हंडे (उम्र 32 वर्ष, शिवाजीनगर), चिंचवड़ शहर युवक अध्यक्ष विशाल वाकड़कर (उम्र 32 वर्ष, नि. वाकड़), पुणे जिला युवक के अध्यक्ष सचिन घोटकुले (उम्र 34 वर्ष, नि. मावल), नगरसेवक किशोर भेगड़े (उम्र 46 वर्ष), बालासाहेब कारके (उम्र 55 वर्ष, नि. मावल), युवक राष्ट्रवादी कांग्रेस के महासचिव शैलेश मोहिते (उम्र 39 वर्ष, नि. मोहितेवाड़ी, पुणे), किशोर रसाल (उम्र 30 वर्ष, वारामती), अजय आवटे (उम्र 35 वर्ष, नि. शिवाजीनगर), संजय शेडगे (नि. आढले, मावल), कैलाश लिंभोरे (नि. भामाआसखड़े), नीलेश शिंदे (उम्र नि. शिवणे, मावल), अभिषेक जाधव (नि. शिवाजीनगर), सचिन माने (नि. कोथरूड), चेतन गावड़े (नि. खेड़, पुणे), सूरज चव्हाण, अविनाश गराडे (नि. तलेगांव), विशाल वहिले (नि. वडगांव), अलताफ शेरा, सुधीर घारे, सुनील दाभाड़े, दिलीप राक्षे (सभी नि. मावल) जैसे प्रमुख पदाधिकारियों के साथ 100 से 125 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इस मामले में शिरगांव पुलिस चौकी के हवलदार राकेश पालांडे (उम्र 43 वर्ष) ने शिकायत दर्ज कराई है.
महाराष्ट्र सरकार द्वारा तैयार की गई महापरीक्षा पोर्टल रद्द करने, पुरानी पद्धति से पुलिस भर्ती करने, सरकार की गलत पॉलिसी की वजह से बेरोजगारी बढ़ने,  हाइपर लुप के खिलाफ राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस की तरफ से मंगलवार को पुणे-मुंबई एक्सप्रेस-वे उर्से टोल पर आक्रोश आंदोलन किया गया. हाई-वे बंद कर दिया गया था. इसलिए पुलिस ने आंदोलनकारियों को हिरासत में लिया था. आंदोलन के लिए पुलिस ने परमिशन नहीं दिए जाने के बावजूद भीड़ जमा कर आंदोलन किया गया और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम 1951 की धारा 37 (1), (3) का  उल्लंघन किया गया. सीआरपीसी 1973 की धारा 149 के दिए गए नोटिस का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए आंदोलनकारियों पर केस दर्ज किया गया. तलेगांव पुलिस मामले की जांच कर रही है.