नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पृथ्वी से 4,375 किलोमीटर दूर चंद्रमा की सतह से ली गई दूसरी तस्वीर जारी की है। चंद्रयान 2 ने चंद्रमा की सतह जो नई तस्वीर ली है, उससे पता चलता है कि चंद्रमा में कई विशाल विशाल गड्ढे (क्रेटर) हैं। चंद्रयान-2 ने यह तस्वीरें चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाते हुए खींची हैं। गौरतलब है कि चंद्रयान-2 मंगलवार सुबह 9.02 बजे चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था और इसरो के अनुमान के तहत 7 सितंबर को चांद की सतह पर लैंड करेगा।
#ISRO
Lunar surface imaged by Terrain Mapping Camera-2(TMC-2) of #Chandrayaan2 on August 23 at an altitude of about 4375 km showing craters such as Jackson, Mach, Korolev and Mitra (In the name of Prof. Sisir Kumar Mitra)For more images please visit https://t.co/ElNS4qIBvh pic.twitter.com/T31bFh102v
— ISRO (@isro) August 26, 2019
इसरो ने बताया कि यान ने चांद के नॉर्थ पोल क्षेत्र की भी कई तस्वीरें लीं। इसमें प्लासकेट, रोझदेस्तवेंस्की और हरमाइट क्रेटर शामिल हैं, जो कि पूरे सौरमंडल में सबसे ठंडे इलाकों में से एक है। इससे पहले चंद्रयान-2 ने बुधवार को चांद की पहली फोटो भेजी थीं। उन्हें चांद की सतह से 2650 किमी की ऊंचाई से लिया गया था। इसरो ने तस्वीरें जारी करते हुए कहा कि चंद्रयान द्वारा जो तस्वीरें ली गई हैं, वे ‘सोमरफेल्ड’, ‘किर्कवुड’, ‘जैक्सन’, ‘माक’, ‘कोरोलेव’, ‘मित्रा’, ‘प्लासकेट’, ‘रोझदेस्तवेंस्की’ और ‘हर्माइट’ नामक विशाल गड्ढों की हैं। इन विशाल गड्ढों का नाम महान वैज्ञानिकों, अंतरिक्ष यात्रियों और भौतिक विज्ञानियों के नाम पर रखा गया है।
बता दें कि चंद्रयान -2 वर्तमान में चंद्रमा के चारों ओर 118 किलोमीटर x 4412 किलोमीटर की अंडाकार कक्षा में उड़ रहा है और यह अगले कुछ दिनों में, चंद्रयान -2 खुद को चंद्रमा के करीब लाने का प्रयास करेगा। वहीं, 2 सितंबर को लैंडर विक्रम चंद्रयान -2 अंतरिक्ष यान से अलग हो जाएगा और चंद्रमा के चारों ओर अपनी कक्षा में पहुंच जाएगा। गौरतलब हो कि 22 जुलाई को इसरो ने अपना दूसरा चंद्रयान आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीस धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से जीएसएलवी-मार्क3 रॉकेट की मदद से प्रक्षेपित किया था।
Take a look at the first Moon image captured by #Chandrayaan2 #VikramLander taken at a height of about 2650 km from Lunar surface on August 21, 2019.
Mare Orientale basin and Apollo craters are identified in the picture.#ISRO pic.twitter.com/ZEoLnSlATQ
— ISRO (@isro) August 22, 2019