तेल की कीमतें इसलिए कम नहीं कर रही हैं कंपनियां

नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल लगातार जारी है। कीमतें2013 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। डीजल ने भी नई ऊंचाई तय कर ली है। सोमवार को मुंबई में पेट्रोल 82 और डीजल 70 रुपए प्रति लीटर के पार हो गया है। जिस तरह से तेल के दाम चढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए लगता है कि जल्दी ही आंकड़ा 85 के पार पहुंच जायेगा। माना जा रहा है कि सीरिया संकट का हवाला देकर कंपनियां कीमतों को एक निश्चित ऊंचाई पर ले जाना चाहती हैं, ताकि यदि चुनाव के चक्कर में सरकार दाम करने का दबाव बनाये तो उनके मुनाफे पर ज्यादा फर्क न पड़े।

क्या सरकार देगी राहत?
इसके साथ ही आम आदमी पर बढ़ते बोझ को कम करने के लिए एक्साइज ड्यूटी में कटौती की मांग तेज हो गई है। सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियां पिछले साल जून से रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमतें संशोधित कर रही हैं। सोमवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतें 10-10 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दी गई। इससे पहले रविवार को पेट्रोल-डीजल में 19-19 पैसे की बढ़ोतरी की गई थी। शनिवार को पेट्रोल में 13 पैसे और डीजल में 15 की बढ़ोतरी की गई थी। तीन दिन में पेट्रोल 42 पैसे और डीजल 44 पैसे महंगा हो चुका है।

भारत में तेल सबसे महंगा
दक्षिण एशियाई देशों में भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें सर्वाधिक हैं। देश में विपणन दरों में लगभग आधी हिस्सेदारी करों की है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच उत्पाद शुल्क में 9 बार बढ़ोतरी की। उत्पाद शुल्क में महज एक बार पिछले साल अक्तूबर में दो रुपए प्रति लीटर की कटौती की गई।

यहां सबसे ज्यादा दाम
पेट्रोल की बात करें तो देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल के दाम सबसे ज्यादा हैं। यहां कीमतें 82.35 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच चुकी हैं। वहीं, डीजल के मामले में चेन्नई सबसे महंगा है. यहां डीजल की कीमतें71.33 रुपए प्रति लीटर पहुंच चुकी हैं।

रोजाना बढ़ते हैं दाम
पिछले साल जून में सरकारी कंपनियों- आईओसी, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्‍तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने रेट से जुड़ी 15 साल पुरानी प्रेक्टिस को खत्‍म करते हुए हर दिन रेट रिवाइज की नई प्रेक्टिस शुरू की थी। इससे पहले हर महीने की पहले और 16 तारीख को रेट रिवाइज की जाती थी।

राज्यों के टैक्स की मार 
ग्‍लोबल क्रूड कीमतों के अलावा केंद्र और राज्‍य सरकारों द्वारा लगाए जाने वाले टैक्‍स की वजह से भी पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ती जा रही हैं। वैसे सरकार पेट्रोल और डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार कर रही है और इस पर सहमति भी बनाने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी ऐसा संभव नहीं हो पाया है।