क्रिस्टल टॉवर अग्निकांड: 27 अगस्त तक कस्टडी में भेजा गया बिल्डर

मुंबई। पुणे समाचार ऑनलाइन
मुंबई में हिंदमाता सिनेमा के पास 17 मंजिला क्रिस्टल टॉवर नामक इमारत की 12वीं मंजिल पर आग लगने की घटना में चार लोगों की मौत हो गयी, जबकि 21 अन्य घायल हो गये। इस मामले में भोईवाड़ा पुलिस ने देर रात बिल्डर रज्जाक इस्माइल सुपारीवाला को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया। गुरुवार को अदालत में पेश करने पर उसे 27 अगस्त तक पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है।
[amazon_link asins=’B0756W2GWM’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’926c55fe-a6cd-11e8-ab5d-fb8529d4783d’]
बिल्डर की ओर से कोर्ट में एक चौंकाने वाला दावा किया गया जिसमें बिल्डिंग की अग्निसुरक्षा की जिम्मेदारी उसमें रहनेवाले रहवासियों की बताई गई। उसके वकील ने कोर्ट में यह भी कहा कि, 2012 में ही क्रिस्टल टॉवर के रहवासियों को सोसाइटी स्थापन करने को कहा गया था, मगर उन्होंने उसकी सुध नहीं ली। बिल्डिंग के लिए ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट और फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के लिए 2012 में ही मुंबई मनपा में अर्जी दी गई है, जो अब तक नहीं मिल सकी है। यह शिकायत करते हुए बिल्डर ने दुर्घटना की पूरी जिम्मेदारी स्वीकारने से इनकार किया है।
[amazon_link asins=’B071VM3GZ3′ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’98311576-a6cd-11e8-adf2-612ed243b0c4′]
सरकारी वकील ने अपनी दलील में कहा कि, इस बिल्डिंग के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) से कब्जा प्रमाण-पत्र (ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट) नहीं लिया गया था। इसके बावजूद करीब 58 फ्लैट बेचे गए। यहाँ अग्निसुरक्षा के लिहाज से कोई उपाययोजना नहीं की गई थी। इस बिल्डिंग की आठवीं मंजिल पर अवैध निर्माण किया गया था जिसके खिलाफ बीएमसी ने तोड़ू कार्रवाई भी की थी। इस जानकारी से कोर्ट को अवगत कराते हुए सरकारी वकील ने अवैध निर्माण से यह बिल्डिंग असुरक्षित ही थी। इस पूरे मामले की जांच के लिए बिल्डर के लिए पुलिस कस्टडी की मांग की गई, जिसे कोर्ट ने मंजूर किया और बिल्डर सुपारीवाला को 27 अगस्त तक कस्टडी में भेजने का आदेश दिया।