फर्जी बिल पेश करनेवाले ‘स्पर्श’ के सीईओ के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग

भूतपूर्व विधायक विलास लांडे समेत विभिन्न संगठनों की मांग
पिंपरी। बेड्स की कमी को पूरा करने के लिए शुरू किए गए उन कोविड केयर सेंटरों (सीसीसी), जहां एक भी मरीज एडमिट नहीं हुआ, के लिए सवा पांच करोड़ रुपए का बिल पेश किये जाने का मामला हालिया पिंपरी चिंचवड़ में सामने आया है। भोसरी के रामस्मृति मंगल कार्यालय और हीरा लॉन्स में शुरू किए गए इन कोविड सीसीसी सेंटरों के लिए स्पर्श हॉस्पिटल के सीईओ डॉ. अमोल हलकुंदे के जरिये मनपा को पूरे 5 करोड़ 26 लाख 60 हजार 800 रुपये का बिल पेश किया है। डॉ हलकुंदे के खिलाफ मनपा के साथ धोखाधड़ी करने को लेकर मामला दर्ज करने की मांग जोर पकड़ रही है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस के भूतपूर्व विधायक विलास लांडे और प्रहार संगठन के विजय ओव्हाल ने स्पर्श हॉस्पिटल के सीईओ के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने की मांग की है। वहीं भूतपूर्व नगरसेवक व सामाजिक कार्यकर्ता मारुति भापकर ने उक्त सवा पांच करोड़ रुपए के बिल मंजूरी के प्रस्ताव खारिज करने की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दी है। गौरतलब है कि पिंपरी चिंचवड़ शहर में कोरोना का संक्रमण बढ़ चला था तब बेड्स की कमी को पूरा करने के लिए विविध जगहों पर सीसीसी सेंटर शुरू किए गए थे। इसमें भोसरी के स्मृति मंगल कार्यालय और हीरा लॉन्स के सीसीसी सेंटर भी शामिल है। इन्हें गत साल 7 अगस्त को शुरू करने का आदेश दिया गया था।
इसका कार्यान्वन स्पर्श हॉस्पिटल को सौंपा गया और इसके लिए 1239 रुपये प्रति दिन प्रति बेड के हिसाब से दर तय किया गया था। हालांकि वर्क ऑर्डर की शर्त के अनुसार हॉस्पिटल ने ईएमडी नहीं चुकाई, मनुष्यबल की जानकारी नहीं दिए जाने से अनुबंध नहीं किया गया। कई सारी खामियों के चलते स्पर्श हॉस्पिटल के साथ अनुबंध नहीं किया गया। इसके बावजूद हॉस्पिटल के सीईओ डॉ अमोल हलकुंडे ने 1 नवंबर को रामस्मृति मंगल कार्यालय और हीरा लॉन्स के सीसीसी के कामकाज के लिए प्रति दो करोड़ 63 लाख 30 हजार 400 रुपये कुल पांच करोड़ 26 लाख 60 हजार 800 रुपये का बिल पेश किया। जबकि यहां कोई मरीज दाखिल नहीं हुआ न किसी का इलाज किया गया। इस मामले को गंभीर बताकर डॉ हलकुंदे के खिलाफ मामला दर्ज करने और इस मामले की व्यापक जांच करने की मांग पूर्व विधायक विलास लांडे ने की है।
इस बारे में लांडे ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और नगरविकास मंत्री को पत्र भेजकर आरोप लगाया है की इस विषय में मनपा के अधिकारी और सत्तादल भाजपा के पदाधिकारियों की मिलीभगत शामिल है। सामाजिक कार्यकर्ता मारुति भापकर ने भी इस मांग को दोहराते हुए बिल मंजूरी के प्रस्ताव खारिज करने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाने की चेतावनी दी है। वहीं प्रहार संगठन के विजय ओव्हाल ने इस मामले में डॉ हलकुंदे के खिलाफ मामला दर्ज करने और इसमें शामिल अधिकारियों और पदाधिकारियों की जांच करने की मांग को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी है। यहां शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे ने कहा कि, मनपा द्वारा कोरोना काल में 220 करोड़ रुपए खर्च किये जाने की बात कही जा रही है। करारनामा और डिपॉजिट के बिना ही सीसीसी सेंटर को तीन करोड़ रुपए दिए गए है। सभी ट्रांजेक्शन संदिग्ध है पूरा विवरण और जानकारी दिए बिना खर्च मंजूर करने को लेकर हमारा विरोध है।