पिंपरी चिंचवड़ मनपा स्थायी समिति सभापति चुनाव में सांगली पैटर्न का सपना चकनाचूर

भाजपा के एड नितिन लांडगे ने राष्ट्रवादी के प्रवीण भालेकर को 5 वोटों से हराया
भाजपा शहराध्यक्ष तथा विधायक महेश लांडगे समर्थकों में जल्लोश
पिंपरी। उम्मीदवारी न मिलने से पिंपरी चिंचवड़ मनपा के सत्तादल भाजपा में फैली नाराजगी का लाभ उठाकर स्थायी समिति सभापति चुनाव में ‘सांगली पैटर्न’ सफल करने का राष्ट्रवादी कांग्रेस का सपना चकनाचूर हो गया। शुक्रवार को हुए चुनाव में भाजपा के एड नितिन लांडगे ने राष्ट्रवादी के प्रवीण भालेकर को 5 वोटों से हराकर मनपा के तिजोरी की चाबियों और स्थायी समिति सभापति की कुर्सी पर कब्जा जमाया। लांडगे को 16 में से 10 वोट मिले जबकि भालेकर को 5 वोटों पर संतोष जताना पड़ा। उम्मीदवारी न मिलने से नाराज होकर समिति की सदस्यता से इस्तीफा देनेवाले भाजपा के रवि लांडगे इस चुनौती में अनुपस्थित रहे।
16 सदस्योंवाली स्थायी समिति में एक निर्दलीय समेत भाजपा के सर्वाधिक 11 सदस्य हैं। इसके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस के चार और शिवसेना के एक सदस्य हैं। सदस्यों की नियुक्ति के बाद स्थायी समिति सभापति चुनाव को लेकर काफी उत्सुकता थी। सत्तादल भाजपा ने वरिष्ठ नगरसेवक एड नितिन लांडगे को उम्मीदवार घोषित किया जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस ने प्रवीण भालेकर का नामांकन दाखिल कर भाजपा के समक्ष चुनौती खड़ी की थी। इस चुनौती को सत्तादल में उम्मीदवारी को लेकर फैली नाराजगी का बल मिला। उम्मीदवारी की रेस में भाजपा के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण जगताप गुट के शत्रुघ्न काटे के साथ पुराने व निष्ठावान भाजपाइयों के गुट के रवि लांडगे, जिन्होंने 2017 के मनपा चुनाव में निर्विरोध चुनकर आकर भाजपा की जीत का खाता खोला था, आगे थे। उम्मीदवारी न मिलने से नाराज होकर रवि लांडगे ने स्थायी समिति की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। दूसरे नाराज नगरसेवक शत्रुघ्न काटे भी इस्तीफा देने की मानसिकता में थे।
भाजपा में फैली नाराजगी का लाभ उठाकर राष्ट्रवादी कांग्रेस ने यहां भी ‘सांगली पैटर्न’ सफल करने का सपना देखा था। कल तक उस लिहाज से वातावरण भी तैयार किया गया था। हालांकि आंतरिक गुटबाजी और सदस्यों की नाराजगी को दूर करने में भाजपा को सफलता मिली। आज हुए चुनाव में भाजपा के नितिन लांडगे को निर्दलीय समेत भाजपा के 11 में से 10 वोट मिले। उम्मीदवारी न मिलने से नाराज होकर सदस्यता से इस्तीफा देनेवाले रवि लांडगे चुनाव में अनुपस्थित रहे। यहां राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रवीण भालेकर को अपनी पार्टी के 4 और शिवसेना के 1 कुल 5 वोट मिले। एड लांडगे ने भालेकर को 5 वोटों से हराकर स्थायी समिति सभापति की कुर्सी पर कब्जा जमाया। उनकी जीत पर सत्तादल खासकर विधायक तथा शहराध्यक्ष महेश लांडगे के समर्थकों ने जल्लोष मनाया। महापौर उषा उर्फ माई ढोरे, उपमहापौर केशव घोलवे, सभागृह नेेता नामदेव ढाके, वरिष्ठ नगरसेवक एकनाथ पवार, स्थायी समिति की पूर्व सभापति सीमा सावले, विपक्ष के नेता राजू मिसाल, पूर्व महापौर योगेश बहल समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, पदाधिकारी और नगरसेवकों ने नए सभापति नितिन लांडगे को बधाइयां दी।
नए सभापति का परिचय
4 नवंबर 1969 में जन्में एड नितिन लांडगे ने बीकॉम एलएलबी तक की शिक्षा हासिल की है। उनके पिता ज्ञानेश्वर लांडगे जो पिंपरी चिंचवड़ के पहले महापौर और विधायक रह चुके हैं, से उन्हें राजनीति में आने मक प्रेरणा मिली। 2002 में उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा। 2012 और 2017 में वे भोसरी गांवठान से नगरसेवक चुने गए। पहली बार वे राष्ट्रवादी कांग्रेस की ओर से नगरसेवक चुने गए थे। बाद में विधायक महेश लांडगे के साथ उन्होंने भी भाजपा में प्रवेश किया और 2017 में लगातार दूसरी बार नगरसेवक चुने गए। राष्ट्रवादी काँग्रेस में रहते उन्हें कोई अहम पद नहीं मिल सका।

भाजपा में आने के बाद भी चार साल तक वे पदों से दूर रहे। शायद इसी सब्र का फल उन्हें मिला है। जारी पंचवर्षीय सत्र के आखिरी साल में स्थायी समिति सभापति पद की माला उनके गले में पड़ी। नितिन लांडगे भाजपा की ओर से स्थायी समिति सभापति पद तक पहुंचने वाले चौथे नगरसेवक साबित हुए हैं। उनसे पहले संतोष लोंढे, विलास मड़ीगेरी और सीमा सावले सभापति रहे हैं। सत्तादल भाजपा की कमान संभालने वाले चिंचवड़ के विधायक लक्ष्मण जगताप गुट के तीन और भोसरी के विधायक महेश लांडगे गुट के दो नगरसेवकों को इस पद पर मौका मिला है।