नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई : पृथ्वीराज चव्हाण

पुणे  : समाचार ऑनलाइन – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुगलकी निर्णय लेते हुए 500 और एक हजार रुपए के नोट पर एक रात पाबंदी लगा दी थी।इस पाबंदी के दो वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था तबाह हो गई है। नोटबंदी के बाद 150 लोगों की बैंक की लाइन में खड़े होने से मौत हो गई।छोटे उद्योगपतियों, व्यापारियों और लाखों कामगार को इसका झटका लगा है। रिजर्व बैंक के गर्वनर के विरोध के बाद भी मोदी सरकार द्वारा अचानक नोटबंदी की गई।नोटबंदी को लेकर तय किए गए एक भी उद्देश्य पूरे नहीं हुए है और अब रिजर्व बैंक की गंगा में हाथ धोने का प्रयास मोदी कर रहे हैं। ऐसे में जल्द देश में आर्थिक भूकंप आएगा और आर्थिक स्ट्रक्‍चर ढह जाएगा। यह आरोप पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कैंप के बाटा चौक में आंदोलन के दौरान लगाया।

नोटबंदी के दो साल पूरे हो चुके हैं। नोटबंदी के निर्णय के मद्देनजर शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा सोमवार को पृथ्वीराज चव्हाण की उपस्थिति और शहराध्यक्ष रमेश बागवे के नेतृत्व में कैंप के बाटा चौक में आंदोलन किया गया। इस दौरान पूर्व विधायक उल्हास पवार, बालासाहेब शिवरकर, मोहन जोशी, कमल व्यवहारे, एड्. अभय छाजेड़, अरविंद शिंदे, आबा बागुल, सदानंद शेट्टी, सोनाली मारणे, मनीष आनंद व अजीत दरेकर सहित पार्टी के पदाधिकारी, नगरसेवक और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि जनता को भ्रमित करने के लिए मोदी सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की है।

इन कल्याणकारी योजनाओं के लिए आर्थिक प्रावधान नहीं किए गए।चुनाव सामने देखकर मोदी सरकार का प्रयास इन योजनाओं के लिए रिजर्व बैंक से साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए निकालने की है। इसके लिए अगले सप्ताह बैंक के डायरेक्टर्स की बैठक होगी। स्वतंत्र भारत के इतिहास में रिजर्व बैंक से कभी इस तरह पैसा नहीं निकाला गया। क्योंकि यह पैसा अंतर्राष्ट्रीय बिजनेस में देश की साख तैयार करती है। लेकिन मोदी सरकार ने इस गंगाजल में हाथ डालकर आर्थिक भूकंप लाने की तैयारी कर ली है। सरकार ने यह निर्णय लिया तो आर्थिक ढांचा चरमरा जाएगा। इसका हम विरोध करते हैं। इस दौरान रमेश बागवे, उल्हास पवार आदि ने भी भाषण दिया। नोटबंदी और सरकार के फैसलों के खिलाफ आंदोलन करते हुए नारेबाजी की गई।