अंर्तराष्ट्रीय समाचार एजेंसी
फेसबुकधारक की मौत के बाद उसके एकाउंट और डाटा पर किसका अधिकार होगा? इस पर जर्मनी के शहर कार्ल्सरुहे में देश की सर्वोच्च अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने अपने इस ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि फेसबुक का डाटा भी विरासत संबंधी कानून के दायरे में आता है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि मृतक का फेसबुक खाता भी एक संपत्ति है, जिस पर उसके परिवारवालों का अधिकार है।
फेसबुक अपने खाताधारक की मृत्यु के बाद उसके प्रोफाइल को श्रद्धांजलि पेज में बदलने या पूरी तरह डिलीट करने का अधिकार तो परिजनों को सौंपने के पक्ष में है, लेकिन मरनेवाले के परिजनों को उसके फेसबुक खाते को संचालित करने व उसका डाटा उपयोग करने का अधिकार नहीं देना चाहता, लेकिन संघीय अदालत के इस फैसले के अनुसार अब फेसबुक को ये अधिकार देना होगा। इस फैसले से पूरे विश्व में मौजूद फेसबुक के 2.19 अरब यूजर्स प्रभावित होंगे, जिनके साथ अनहोनी की स्थिति में उनके परिजन उसका खाता संचालित कर डाटा अपने अधिकार में ले सकेंगे।
क्या कहा है अदालत ने
जर्मनी की शीर्ष संघीय अदालत ने इस ऐतिहासिक फैसले में कहा है कि फेसबुक का डाटा भी विरासत संबंधी कानून के दायरे में आता है। जिस प्रकार परिजनों को मृतक की किताबों और उसके पत्रों पर कॉपीराइट मिलता है, उसी तरह फेसबुक एकाउंट और डाटा का अधिकार भी मिलना चाहिए। डाटा प्राइवेसी के नाम पर इस अधिकार को नहीं छीना जा सकता है। संघीय अदालत ने फेसबुक को अपने फैसले के खिलाफ संवैधानिक अदालत में अपील की छूट दी है, लेकिन फेसबुक के वकील ने इसकी संभावना से इनकार किया है।
कहां से शुरू हुआ मामला
दरअसल 2012 में 15 साल की एक किशोरी की वर्ष ट्रेन से टकराकर मौत हो गई थी। मौत का कारण जानने के लिए माता-पिता ने फेसबुक से उनकी बेटी का डाटा देने को कहा। फेसबुक के इनकार के बाद पीड़ित परिवार अदालत पहुंचा। निचली अदालत ने 2015 में परिवार के पक्ष में फैसला सुनाया, लेकिन फेसबुक इसके खिलाफ अपील कोर्ट में गई, जहां 2017 में फेसबुक के पक्ष में फैसला आया। इसके बाद यह लड़ाई सर्वोच्च संघीय अदालत में पहुंची थी।ज्ञात हो कि पूरे विश्व में फेसबुक के 2.19 अरब सक्रिय उपयोगकर्ता हैं। इसमें 2.7 करोड़ यूजर्स वाला भारत नम्बर एक पर है और 2.4 करोड़ यूजर्स वाला अमेरिका दूसरे नंबर पर है।
क्या थी अब तक की नीति
फेसबुक ने जर्मनी का ये मामला कोर्ट में लंबित होने के दौरान ही वर्ष 2015 में अपने उपयोगकर्ताओं को अपना खाता मौत के बाद सक्रिय रखने का मौका दिया था। इसके लिए उपयोगकर्ता को फेसबुक के साथ एक कानूनी अनुबंध करना पड़ता है, जिसमें वह किसी को अपने खाते का उत्तराधिकारी नामित कर सकता है। ये उत्तराधिकारी मौत के बाद एक आखिरी बार उस खाते से पोस्ट कर सकता है और कवर व प्रोफाइल फोटो बदल सकता है। साथ ही सभी फेसबुक पोस्ट को आर्काइव में सेव कर सकता है। इसके अलावा परिजन उस खाते को श्रद्धांजलि पेज में भी बदलवा सकते हैं। ये पेज हमेशा सक्रिय रहेगा, लेकिन उस पर कुछ भी संपादित या पोस्ट करने का अधिकार परिजनों को नहीं होगा।