गाजीपुर बॉर्डर बंद… दिल्ली की सीमाओं पर सड़क खोदकर लगाईं कीलें, किसान भी अड़े   

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : किसानों के ट्रैक्टर आंदोलन के दौरान दिल्ली में मचे कोहराम की तपिश अभी ठंडी नहीं हुई है। पुलिस उस आग से बाहर निकलने का प्रयास कर रही है और इसी क्रम में उसने अपने आपको सुरिक्षित करने के साथ ही अभूतपूर्व संकट से बचने का उपाय निकाली है। दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर जहां किसानों का आंदोलन चल रहा है, वहां बीते दो दिनों से पुलिस लगातार सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाती जा रही है। यहां कटीली तारें, बैरिकेडिंग, सीमेंट की बैरिकेडिंग, खाई खोदने से लेकर नुकीले सरिए भी जा रहे हैं, ताकि किसान और उनके ट्रैक्टर दिल्ली में प्रवेश न कर सकें। दिल्ली पुलिस ने यह इंतजाम रविवार की रात किए। सीमाओं के बंद होने के बाद बहादुरगढ़ से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बता दें कि नवंबर के अंतिम सप्ताह से कृषि कानूनों का दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसानों का आंदोलन आज अपने 69वें दिन में प्रवेश कर चुका है। किसानों का हौसला अब भी नहीं टूटा है। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, वह घर वापस नहीं जाएंगे। दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन में कई जिलों से खापों के प्रतिनिधि और किसान लगातार पहुंच रहे हैं। तीन फरवरी को किसान नेता राकेश टिकैत जींद का दौरा करेंगे और लोगों से किसान आंदोलन के लिए समर्थन मांगेंगे। खटकड़ टोल पर किसानों ने अन्ना हजारे के नाम खुला पत्र लिखकर उनसे आंदोलन में शामिल होने की मांग की है।

जानकारी के अनुसार, आज शिवसेना नेता संजय राउत भी किसान आंदोलन का समर्थन करने गाजीपुर बॉर्डर जाने वाले हैं।
दिल्ली पुलिस : उधर, पुलिस ने आज भी गाजीपुर बॉर्डर बंद रखा है। इस कारण आनंद विहार, चिल्ला, डीएनडी, अप्सरा, भोपरा और लोनी बॉर्डर का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। एक यह भी जानकारी आ रही है कि ट्रैक्टर रैली के बाद से पंजाब के 100 से अधिक व्यक्ति लापता है।

पंजाब सरकार : पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को एक ‘हेल्पलाइन नंबर 112’ का एलान किया। इस नंबर पर लापता लोगों के बारे में जानकारी दी जा सकती है।

हरियाणा सरकार : हरियाणा सरकार ने राज्य में इंटरनेट सेवाएं बार-बार बाधित किए जाने के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। संदीप सिंह व अन्य ने याचिका दायर कर कहा है कि  सरकार की इस तरह की कार्रवाई  मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। सरकार की इस कार्रवाई के कारण आम लोगों को निजी व व्यापारिक तौर पर कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।