उज्जैन में सरकारी अधिकारियों ने की जमीन की बंदरबांट!

भोपाल: मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में सरकरी अधिकारियों की मिलीभगत के चलते विज्ञप्ति प्रकाशन से पहले ही जमीन का आवंटन कर दिया गया। यह आरोप आरटीआई कार्यकर्ता लोकेन्द्र शर्मा ने लगाया है। लोकेश ने कहा, “समाचार पत्रों में सूचना एवं विज्ञप्ति प्रकाशन में 7 दिन की देरी की गई। जिस दिन विज्ञप्ति प्रकाशित हुई उसके एक दिन पहले ही ‘पहले आओ, पहले पाओ’ की तर्ज पर 3 सरकारी प्लाट ख़ास लोगों को आवंटित कर दिए गए। इस संबंध में जिला कलेक्टर व वरिष्ठ अधिकारी कार्यवाही नही कर रहे हैं। लिहाजा मैंने अब आर्थिक अपराध ब्यूरो व न्यायालय की शरण में जाने का फैसला लिया है।

जानकारी के मुताबिक, मामला उज्जैन जिले के बाँधका इंडस्ट्रियल एरिया घट्टिया का है। यहाँ 3 प्लाट सरकारी ‘पहले आओ पहले पाओ’ के तहत लीज पर आवंटित किये जाने थे। आरोपों के अनुसार, जिला व्यापार व उद्योग केंद्र के अधिकारियों ने इसके लिए सबसे पहले पूर्व के आवेदन को बाकायदा पत्र लिखकर हटवाया उसके बाद नोटशीट चलाकर जरूरी खाना पूर्ति कर ली। अधिकारियों ने अपने लोगों को फायदा पहुचने के लिए विज्ञप्ति प्रकाशन नोट शीट में 6 तारीख को दर्ज किया, ताकि 4 दिवस पूर्व विज्ञप्ति प्रकाशन बताया जा सके। लेकिन अखबार में विज्ञप्ति 11 तारीख को प्रकाशित की गई। यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि विज्ञप्ति प्रकाशन से एक दिन पहले यानी 10 तारीख को ही चार आवेदन आ गए और उन आवेदनों स्वीकार भी कर लिया गया। जबकि आवेदन के लिए जरूरी कागज की तैयारी में कम से कम 3 दिन का समय चाहिए होता है।

आरटीआई में खुलासा
लोकेंद्र ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारी को जब इसकी शिकायत की गई तब उन्होंने स्वीकार किया कि ऑनलाइन आवेदन व आवंटन के इस मामले में उज्जैन जिले का नाम उपरोक्त वेबसाइड पर 204 प्लाट में कहीं भी नही है। इसमें क्रमशः 33 34 35 नंबर पर बैतूल जिले का नाम था। बाद में 23 तारीख को शिकायत के बाद इस क्रमांक पर उज्जैन जिले का नाम दर्ज कराया गया। 12 जनवरी को लिए गए ऑनलाइन प्रिंट आवेदक के पास है, जिसमे बैतूल का नाम दर्ज है। लोकेंद्र ने आरटीआई के माध्यम से यह जानकारी हासिल की, हालाँकि उनका कहना है कि पूरी जानकारी अभी भी नहीं मिली है।