मोदी सरकार का बड़ा फैसला! ‘सुमन’ योजना के तहत गर्भवती महिलाओं का संपूर्ण खर्च उठाएगी सरकार

नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन- सरकार ने 100% सुरक्षित मातृत्व का लक्ष्य हासिल करने के लिए ‘सुमन’ (सुरक्षित मातृत्व आश्वासन) नामक एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरूआत की है। इसका उद्देश्य देश में सौ फीसदी प्रसव को अस्पताल या प्रशिक्षित नर्स की निगरानी में सुनिश्चित कराना है. वर्तमान में यह आंकड़ा 80 प्रतिशत है।

ऐसा करने पर देश में प्रसव के दौरान महिलाओं और शिशु की मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी. ज्ञात है कि सरकारी अस्पतालों या गांवों में प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को उचित उपचार न मिलने से उनमें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, नतीजतन कई महिलाओं की शिशु जन्म के समय मौत तक हो जाती है. यही नहीं कई बार उचित मेडिकल ईलाज के अभाव के कारण नवजात की जिंदगी भी खतरे में पड़ जाती है.

स्वास्थ्य मंत्रालय देगा सुरक्षित मातृत्व की गारंटी –
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, नई योजना के तहत, प्रत्येक गर्भवती महिला को सुरक्षित मातृत्व की गारंटी दी जाएगी। गर्भवती महिला को प्रसव से पहले चार बार तक मुफ्त जांच करने का अधिकार भी होगा, जिसमें गर्भ में बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी भी शामिल है। इसके अलावा, प्रसव से पहले महिला को अस्पताल लाने और फिर घर लौटने के लिए एक मुफ्त एम्बुलेंस प्रदान की जाएगी। आप एक गर्भवती महिला को मुफ्त में एम्बुलेंस कॉल करने के लिए टोल-फ्री नंबर 102 या 108 पर कॉल कर सकते हैं।

सरकार करेगी सारा खर्च –
प्राप्त जानकारी के अनुसार डिलीवरी के दौरान होने वाले सभी खर्च का निर्वहन सरकार करेगी. यही नहीं प्रसव के 6 महीने बाद तक माँ और बच्चे को मुफ्त में दवाइयाँ दी जाएंगी, अगर शिशु किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है, तो सरकार उसके इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी।

सेवा गारंटी’ की घोषणा
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी गर्भवती महिलाओं को योजना से लाभान्वित करने के लिए ‘सेवा गारंटी’ की घोषणा की है। सरकार ने सुदूर इलाकों में गर्भवती महिलाओं तक पहुँचने के लिए गैर सरकारी संगठनों, गाँव स्तर की स्वास्थ्य और स्वच्छता समितियों की मदद लेने का फैसला किया है।

सभी महिलाएं को योजना की सुविधाएं देने के लिए सरकार करेगी हरसंभव प्रयास
वर्तमान में  80 प्रतिशत प्रसव अस्पतालों में ही किए जाते हैं, जिनमें 52 फीसदी सरकारी अस्पताल शामिल हैं। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि आर्थिक रूप से कमजोर गर्भवती महिला को  ‘सुमन योजना’ का पूरा लाभ प्राप्त हो. साथ ही यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि प्रसव के समय कोई भी महिला अस्पताल की सुविधाओं से वंचित न रहे।