Gulabrao Patil | चंद्रकांत दादा ने संयम रखा होता तो शिवसेना के 56 विधायक भाजपा के साथ होते – गुलाबराव पाटिल

पंढरपुर (Pandharpur News) : Gulabrao Patil | शिवसेना (Shiv sena) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) में मुख्यमंत्री पद को लेकर बातचीत असफल रही और इसके बाद गठबंधन टूट गया।भाजपा के साथ गठबंधन टूटने के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ मिलकर सत्ता स्थापित की।  गठबंधन टूटने के बाद से ही शिवसेना और भाजपा नेता एक दूसरे पर हमले करने का एक भी मौका छोड़ नहीं रहे है।  अब शिवसेना नेता गुलाबराव पाटिल (Gulabrao Patil) ने एक बड़ा बयान दिया है।  उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) ने संयम रखा होता तो शिवसेना के 56 विधायक भाजपा के साथ होते।

 

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल लगातार कुछ न कुछ बोलते रहते है।  उन्होंने समय पर संयम रखा होता तो उनके साथ शिवसेना के 56 विधायक होते ।  यह बयान राज्य के वाटर सप्लाई मंत्री गुलाबराव पाटिल (Water Supply Minister Gulabrao Patil) ने दिया है।  गुलाबराव पाटिल  विट्ठल रुक्मिणी के दर्शन करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।  इस दौरान उन्होंने भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल पर निशाना साधा।
विट्ठल-रखुमाई के दर्शन के लिए गए गुलाबराव पाटिल ने उनसे एक प्रार्थना की  है।  कोरोना का संकट कम हो गया है। संकट ऐसे ही कम होने की प्रार्थना की है।  राज्य सरकार (State Government) ने नुकसानग्रस्त किसानों के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की है।  लेकिन चंद्रकांत पाटिल ने इस पैकेज को किसानों के लिए अपर्याप्त बताया था।
भाजपा से शिवसेना (BJP-Shiv sena) में आये कई नगरसेवक फिर से भाजपा में चले गए है।  इस विषय पर  गुलाबराव पाटिल ने कहा कि इन नगरसेवकों को भाजपा ने अयोग्यता का डर दिखाया है।
जलगांव में जिला बैंक चुनाव (District Bank Election) में सभी दलों के एकसाथ आकर चुनाव लड़ने की योजना से बाहर आकर  कांग्रेस ने अलग से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।  जबकि शिवसेना से नगरसेवकों के जाने का सिलसिला शुरू हो गया है।  सर्वपक्षीय पैनल के जरिये चुनाव लड़ने के लिए स्थानीय नेताओं का प्रयास जारी है।  लेकिन कांग्रेस (Congress) इस प्रयास से संतुष्ट नहीं है।  आखिरकार कांग्रेस ने सर्वपक्षीय गठबंधन से बाहर निकलने का निर्णय लिया है।  प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने  इसकी  जानकारी दी है.
शिवसेना को जलगांव में दोहरा झटका लगा है।  एक तरफ कांग्रेस ने सर्वपक्षीय गठबंधन से बाहर निकलने का निर्णय लिया है वही दूसरी तरफ अन्य दलों से शिवसेना में आये नगरसेवक फिर से वापस अपने घर लौट रहे है।  भाजपा से आये 10 नगरसेवक वापस भाजपा में चले गए है। 3 नगरसेवक शिवसेना छोड़ने को तैयार बैठे है।

कांग्रेस क्यों हुई बाहर ?

सभी दलों के एक साथ आकर चुनाव (Election) लड़ने की योजना सफल होने की संभावना दिखने के बावजूद कांग्रेस ने इस गठबंधन से बाहर आकर विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है।  सभी के एक साथ आकर चुनाव लड़ने का कांसेप्ट अच्छा था।  लेकिन ऐसा करते वक़्त सभी को समान अधिकारी मिलना जरुरी था।

सभी निर्णय एकतरफा होगा तो हमें ऐसे गठबंधन में दिलचस्पी नहीं है. इसलिए कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने स्वतंत्र रूप से चुनाव में जाने का निर्णय लिया है. कांग्रेस के जलगांव जिला अध्यक्ष प्रदीप पवार (Pradeep Pawar) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।

 

 

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