जेएनयू हिंसा को लेकर एचआरडी मंत्रालय में हुई अहम बैठक

नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)| जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार रात हुई हिंसा को लेकर मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय में एक अहम बैठक हुई। सोमवार दोपहर मंत्रालय के सचिव अमित खरे की अध्यक्षता में यह बैठक बुलाई गई। बैठक में जेएनयू के प्रो-वीसी, रेक्टर व प्रोक्टर भी शामिल हुए। इस बैठक में जेएनयू प्रशासन से विश्वविद्यालय परिसर में हुई हिंसा की वारदात का पूरा ब्यौरा मांगा गया।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जेएनयू प्रशासन से रविवार को विश्वविद्यालय परिसर में हुई सभी गतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मंत्रालय ने जेएनयू प्रशासन से ये भी पूछा है कि क्या पहले से हिंसा की आशंका थी? यदि ऐसा था तो इसके मद्देनजर प्रशासन ने क्या कदम उठाए थे और हिंसा होने पर प्रशासन ने उसे रोकने के लिए क्या किया? हिंसा कैसे शुरू हुई? कौन लोग इसमें शामिल थे?

इस बैठक में मंत्रालय के सचिव के अलावा जेएनयू के प्रो-वीसी चिंतामणि महापात्रा, रजिस्ट्रार डॉ. प्रमोद कुमार, रेक्टर राणा प्रताप सिंह व प्रॉक्टर धनंजय सिंह शामिल हुए।

जेएनयू में हुई हिंसा को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अत्यंत चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर के भीतर इस प्रकार की हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने हिंसा की निंदा की और कहा, “मैं सभी विद्यार्थियों से विश्वविद्यालय की गरिमा और परिसर में शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।”

मंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि जेएनयू में जो कुछ भी हुआ, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मंत्रालय ने विश्वविद्यालय परिसर में हुई हिंसा का संज्ञान लिया है।

मंत्रालय ने हिंसा की वारदात को तानाशाही करार दिया है। मंत्रालय का कहना है की हिंसक प्रवृत्ति किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है। मंत्रालय ने इस संदर्भ में विश्वविद्यालय प्रशासन से विस्तृत जानकारी ली है।