राष्ट्रवादी नगरसेवक हत्या के मामले में मौजूदा व रिटायर्ड एसीपी की होगी जांच

पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन

राष्ट्रवादी काँग्रेस के नगरसेवक अविनाश टेकवडे की हत्या के मामले में बेवजह फंसाने को लेकर मौजूदा और रिटायर्ड एसीपी की जांच के आदेश हाईकोर्ट ने दिये हैं। इस मामले में 11 जुलाई तक रिपोर्ट पेश करने के आदेश भी पुलिस महकमे को दिए गए हैं। जिनकी जांच के आदेश दिए गए हैं उनमें पिंपरी पुलिस थाने के तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक और अब एसीपी रहे सैफन मुजावर व रिटायर्ड एसीपी मोहन विधाते का समावेश है। इसकी जानकारी सूर्योदय उर्फ बाबू शेट्टी ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में दी।

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तीन सितंबर 2015 को पिंपरी चिंचवड़ मनपा में राष्ट्रवादी कांग्रेस के नगरसेवक अविनाश टेकवड़े की हत्या की गई थी। इसके ढाई माह के बाद 17 नवंबर को पिंपरी पुलिस ने हत्या के मामले में अन्य आरोपियों के साथ बाबू शेट्टी को गिरफ्तार किया। शेट्टी ने खुद को इस मामले में बेवजह फंसाये जाने की शिकायत करते हुए मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसके बाद यह मामला संगठित अपराध विरोधी दस्ते को सौंपा गया। 14 जनवरी 2016 को इस मामले में कोई सहभागिता न पाए जाने से शेट्टी को छोड़ दिया गया।

बेवजह 60 दिनों तक जेल में रहने से शेट्टी ने हर्जाने की मांग को लेकर पुनः हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि, तत्कालीन एसीपी मोहन विधाते और पिंपरी थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सैफन मुजावर ने स्थानीय राजनेताओं के कहने पर उन्हें इस मामले में फंसाया। इस याचिका की सुनवाई में न्यायमूर्ती आर. एम. सावंत और रेवती मोरे-डोरे की बेंच ने विधाते औऱ मुजावर की जांच के आदेश पुणे पुलिस आयुक्त को दिये हैं। साथ ही इसकी रिपोर्ट 11 जुलाई तक पेश करने के आदेश भी दिये हैं। ऐसा शेट्टी और उनके वकील ऍड. नीलेश कदम ने संवाददाताओं को बताया। इस मौके पर अनिल आसवानी, सुनील काटे भी उपस्थित थे।

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