मराठा आंदोलन में बाह्य शक्ति की घुसपैठ; बदनाम करने की साजिश

पुणे। पुणे समाचार ऑनलाइन
महाराष्ट्र बंद के दौरान तोड़फोड़ और हिंसा की घटनाओं पर मराठा क्रांति मोर्चा ने शुक्रवार को अपनी सफाई में आरोप लगाया है कि, मराठा आंदोलन में बाह्य शक्तियों की घुसपैठ हुई है। हमारे आंदोलन को बदनाम करने के इरादे से इन शक्तियों ने हिंसा फैलाई। इस हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए कल बंद के दौरान आमजनों और पत्रकारों को पहुंची तकलीफ के लिए माफी मांगते हुए समन्वयकों ने अपने आंदोलन की अगली दिशा भी तय किये जाने की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि, इसके आगे हमारा आंदोलन सड़कों पर नहीं होगा। हमारी मांगें पूरी होने तक तालुका स्तर पर श्रृंखला बद्ध तरीके से अनशन किया जायेगा। 15 अगस्त से चूल्हा बन्द के जरिए अन्नत्याग आंदोलन शुरू किया जायेगा। हमने अब तक शांति के मार्ग से ही आंदोलन किया। मगर परप्रांतीय मजदूरों ने उन्हें हो रही असुविधाओं के लिए अपना असंतोष कल के बन्द के रूप में जताया है। जो लोग शांति के मार्ग से आंदोलन कर रहे थे उनके खिलाफ दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने की मांग भी इस संवाददाता सम्मेलन के जरिये की गई।
मराठा मोर्चा के समन्वयकों ने यह गारंटी भी दी कि मोर्चा के स्वयंसेवक खुद समाजकंटकों को पकड़कर पुलिस के हवाले करेंगे। हम सभी से हाथ जोड़कर शांति की अपील कर रहे थे। दोपहर के बाद से तोड़फोड़ की शुरुआत की गई। इसमें लोगों को हुई तकलीफ के लिए पुणे मराठा मोर्चा की ओर से माफी भी मांगी गई। औरंगाबाद के वालुज एमआईडीसी की कंपनियों में तोड़फोड़ करने वाले चेहरों पर रुमाल बांधे हुए थे। पुलिस कंपनियों से सीसीटीवी फुटेज हासिल कर दोषियों को पकड़ें। मराठा आंदोलन में आज तक इस तरह से कभी तोड़फोड़ नहीं की गई। इस मामले में सीआइडी जांच की मांग भी की गई है।