जांच जारी है….गायत्री प्रजापति के घर मिले 11 लाख के पुराने नोट, कई बेनामी संपत्तियां   

अमेठी. ऑनलाइन टीम : बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने समाजवादी पार्टी की सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति के अमेठी के आवास और दफ्तर पर छापा मारा था। कार्रवाई के दौरान कुल 11 लाख रुपये के पुराने नोट बरामद हुए हैं। इसके अलावा ईडी को 5 लाख रुपये के सादे स्टाम्प पेपर, डेढ़ लाख रुपये कैश और सौ से अधिक बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज़ मिले हैं।  छापेमारी लंबे वक्त तक चली। दस्तावेजों से पता चलता है गायत्री प्रजापति की लखनऊ, कानपुर, मुंबई, सीतापुर समेत छह से ज्यादा शहरों में संपत्ति है। दावा है कि यह सारी संपत्ति खनन की कमाई से बनाई गई है। प्रवर्तन निदेशालय के खुलासे के अनुसार, कई बेनामी संपत्तियों में निवेश किया गया है और यह बेनामी संपत्तियां करीबी रिश्तेदारों, निजी सहायकों और ड्राइवरों के नाम पर ली गई हैं।

ईडी के अफसरों के मुताबिक अभी तक की पड़ताल में गायत्री के बेटे की कई मुखौटा कंपनियां सामने आई हैं। इन कंपनियों में काली कमाई को सफेद करने की कोशिश की गई। इनमें से एक कंपनी के द्वारा लखनऊ में सौ करोड़ से अधिक की 110 एकड़ जमीन खरीदे जाने भी जानकारी है। ईडी ने पूर्व मंत्री के खिलाफ 4 अगस्त, 2019 को धनशोधन रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत मामला दर्ज किया था। आय से अधिक संपत्ति में गायत्री का बड़ा बेटा अनिल भी जेल में बंद है।

दुष्कर्म व धोखाधड़ी में लखनऊ जेल में बंद गायत्री पर कई आरोप हैं। ईडी पूर्व मंत्री की संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी भी कर रही है। विजिलेंस भी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति की जांच कर रही है। दरअसल, यूपी के अवैध खनन मामले की कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच कर रही है, इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले में एक्टिव हुआ है। इस मामले में एजेंसियों की नजर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव पर भी है। अखिलेश यादव 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और 2012 से 2013 तक राज्य के खनन मंत्री रहे हैं। 2012 से 2016 के बीच अवैध खनन हुआ था। इस मामले में पहले भी एजेंसियों ने कई अधिकारियों के यहां छापेमारी की थी, साथ ही कई शहरों में दस्तावेजों को खंगाला गया था।