पुणे सामाचर ऑनलाइन टीम – Irrigation Scam | नेता मोहित कंबोज ने कुछ दिनों पहले सिंचाई घोटाला मामले में एक राष्ट्रवादी के बड़े नेता को गिरफ्तार किए जाने का दावा ट्वीट के जरिए किया था। इसके बाद अब सिंचाई घोटाला मामले रिटायर्ड अधिकारी विजय पांढरे की एंट्री हुई है। उन्होंने दावा किया है कि पिछले दस वर्षो में सिंचाई घोटाले की जांच नहीं हुई है। विजय पांढरे ने है जल संसाधन विभाग का घोटाला सामने लाया था। (Irrigation Scam)
विजय पांढरे ने कहा कि सिंचाई घोटाला
अनिल देशमुख , नवाब मलिक, संजय राऊत के घोटाले से बड़ा घोटाला है। 9-10 वर्ष पूर्व सिचाई घोटाले का पर्दाफाश हुआ था लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। केवल कारवाई का नाटक किया गया। लेकिन सही में को अपराधी है इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
चितळे समिति ने सिंचाई घोटाला मामले में रिपोर्ट पेश की है। नागपुर खंडपीठ के समक्ष परमबीर सिंह द्वारा पेश किए गए एफी डेबिट में अजित पवार को क्लीनचिट दिया गया है। लेकिन खंडपीठ ने इसे अभी तक मंजूर नहीं किया है। भ्रष्टाचार के मामले का अटकना अच्छे लोकतंत्र की निशानी नहीं है। अजित पवार को 2019 में सिंचाई घोटाले में क्लीनचिट दी गई थी। (Irrigation Scam)
कौन है विजय पांढरे
जलगांव जिले के पाचोरा तालुका के पहरू गांव के पांध्रे जूनियर इंजीनियर के रूप में जल सिंचाई विभाग में काम करते थे। अजित पवार जैसे नेता के इस्तीफे की वजह अप्रत्यक्ष रूप से विजय पांढरे को मनोरोगी बताने का प्रयास किया गया था।
Web Title :- Irrigation Scam | irrigation scam case entry of vijay pandhare in the allegation that there was no inquiry into the scam in the last 10 years
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