पानी पीने के सही तरीके –
1. आयुर्वेद में बताया गया है कि पानी, शरीर के तापमान से ठंडा नहीं होना चाहिए। गर्मियों में बहुत से लोग घर पहुंचते ही पानी पी लेते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचाता है।
2. बहुत ज्यादा ठंडा पानी पीने से शरीर में कमजोरी आ जाती है। साथ ही हार्ट अटैक, किडनी फेल आदि का खतरा बढ़ जाता है।
3. आजकल पानी बोतल को ऊपर से पीने का चलन बढ़ता जा रहा है जोकि एकदम गलत है। पानी को हमेशा गिलास या किसी बर्तन से मुंह लगाकर धीरे-धीरे, घूंट-घूंट करके ही पीना चाहिए। ऐसा करने से शरीर को बहुत नुकसान होता है। इससे पेट में कई तरह की बीमारियां पैदा हो सकती हैं। बिना रुके पानी पीने से एसिडिटी, गैस, डकारें आने जैसी समस्या होने लगती है।
4. एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर इंसान जरूरत से ज्यादा पानी पीता है तो उसकी किडनी पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ता है, जो किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। जरूरत से ज्यादा पानी पीने से किडनी को अपनी क्षमता से ज्यादा काम करना पड़ता है जिससे सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इसीलिए जितनी आवश्यकता हो उतना ही पानी पीना चाहिए।
5. रात को पानी तांबे के बर्तन में रख दीजिए और सुबह होने पर इसे पिएं। 90 दिन तक ऐसा करें। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। साथ ही आगर आप मुंहासों, दानों या त्वचा संबंधी किसी भी रोग से निजात दिलाता है।
6. बीमारी में ज्यादा पानी पिएं।
7. कोशिश करें कि प्लास्टिक से बने गिलास या बोतल से पानी न पिएं।
8. पानी कभी भी खड़े होकर मत पिएं। हमेशा बैठकर ही पानी पीना चाहिए।
पानी पीने का सही समय –
– सुबह उठने और ब्रश करने से पहले कम से कम 2 गिलास।
– भोजन करने से करीब आधा घंटा पहले पानी पीना चाहिए, इससे खाना आसानी से पचता है। भोजन करने के आधे घंटे तक पानी के सेवन से बचें।
– सोने से पहले पानी पिएं। इससे पाचन क्रिया भी सही रहेगी और हार्ट अटैक का खतरा भी कम होगा।
– कसरत करने से पहले और बाद में एक गिलास पानी पीने से डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती।
– घर से बाहर निकलते समय पानी पीकर निकलें। हो सके तो बाहर के पानी को पीने से बचें।