Maharashtra | राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी और महाविकास आघाड़ी में एक बार फिर से गुप्त संघर्ष, राज्यपाल के दौरे के दौरान पालक मंत्री अनुपस्थित

मुंबई : (Maharashtra) महाविकास आघाडी सरकार (maha vikas aghadi) और राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी (governor bhagat singh koshyari) के बीच गुप्त राजनीतिक खींचतान एक बार फिर चर्चा का विषय (Maharashtra) बन गया है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी  मराठवाड़ा के परभणी (parbhani), हिंगोली (hingoli) और नांदेड़ (nanded) जिलों के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस बीच तीनों जिलों के पालक मंत्री (Guardian Minister) इस मौके अनुपस्थित रहेंगे।

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी आज से नांदेड़-परभणी-हिंगोली जिले का दौरा करेंगे। वे अल्पसंख्यक समुदाय वर्ग के छात्रावास का उद्घाटन करेंगे और जिलाधिकारी के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। कुछ दिन पहले महाविकास आघाड़ी में कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने राज्यपाल का राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ने का आरोप लगाया था। महाविकास आघाडी सरकार की कैबिनेट बैठक में राज्यपाल के बढ़ते राजनीतिक हस्तक्षेप पर नाराजगी जताई गई थी। बाद में राज्य के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने उनसे राज्यपाल भवन में मुलाकात की। कुंटे ने इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संदेश से राजभवन को अवगत कराया था। उसके बाद राज्यपाल ने अपने पूर्व निर्धारित दौरे में कोई बदलाव नहीं किया, हालांकि उन्हें उम्मीद थी कि राज्यपाल अपनी यात्रा में अपेक्षित बदलाव करेंगे।

राज्यपाल तीनों जिलों में मत्स्य पालन (कोली) संबंधी समीक्षा करेंगे और उस समय जिलाधिकारी और अन्य सभी प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहेंगे। वे एक छात्रावास का भी उद्घाटन करेंगे। महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने पहले ही राज्यपाल पर महाविकास आघाड़ी में प्रशासन और राजनीतिक हस्तक्षेप ज्यादा होने का आरोप लगाया था। हालांकि, महाविकास अघाड़ी सरकार में राज्यपाल और कैबिनेट मंत्री के बीच गुप्त संघर्ष दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है।

कहा जा रहा है कि महाविकास आघाड़ी और राज्यपाल के बीच संघर्ष एक बार फिर से बढ़ जाएगा क्योंकि राज्यपाल ने पूर्व निर्धारित यात्रा में कोई बदलाव किए बिना अपनी पिछली भूमिका को बरकरार रखा है। वहीं बताया जा रहा है कि महाविकास अघाड़ी के पालक मंत्री भी राज्यपाल के दौरे के दौरान अनुपस्थित रहेंगे।

इस बारे में पूछे जाने पर राष्ट्रवादी नेता और ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा कि पालक मंत्री का पूर्व नियोजित दौरा होगा। इसलिए पालक मंत्री राज्यपाल के दौरे के दौरान उपस्थित नहीं होंगे। दूसरी ओर महाविकास आघाड़ी की ओर से राज्यपाल ने सहमति दे दी है और मुश्रीफ ने भी उम्मीद जताई है कि आगे की कार्य पद्धति में बदलाव होगा।