तमिलनाडु में मजदूर संगठनों की हड़ताल का मिलाजुला असर

चेन्नई, 8 जनवरी (आईएएनएस)- केंद्रीय मजदूर संगठनों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल को मंगलवार को तमिलनाडु में मिलिजुली प्रतिक्रिया मिली है। लेबर प्रोग्रेसिव यूनियन (एलपीएफ) के एक वरिष्ठ नेता ने यह बात कही। एलपीएफ के महासचिव एम. षणमुगम ने आईएएनएस को बताया, “हमारे संबद्ध यूनियनों के सदस्यों ने ड्यूटी नहीं की है।

चेन्नई में लगभग 50 प्रतिशत बसें नहीं चल रही हैं। अन्य शहरों में, लगभग 30-40 प्रतिशत बसें जो सड़कों पर हैं, वे सत्ताधारी दल से संबंद्ध मजदूर संगठन के सदस्यों द्वारा संचालित की जा रही हैं।”

उन्होंने कहा कि हड़ताल को असंगठित क्षेत्र जैसे निर्माण कार्य में लगे मजदूरों और अन्य लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।

षणमुगम ने कहा, “श्रीपेरंबदूर और अन्य औद्योगिक स्थलों पर हड़ताल को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। कुछ उद्योगों में जैसे बिजली संयंत्रों, जहां बंद संभव नहीं है, वहां श्रमिक प्रदर्शन कर रहे हैं।”

आर्थिक नीतियों में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच अंतर के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, “कांग्रेस कम से कम हमारी बात सुनेगी और काम करेगी, लेकिन भाजपा मजदूरों की नहीं सुनती है।”

तमिलनाडु में बैंकिंग और बीमा सेवाएं भी प्रभावित हैं, क्योंकि वहां के कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं।

किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए केरल और कर्नाटक में अंतरराज्यीय बस सेवाओं को सीमा पर ही समाप्त कर दिया गया।