Mula Mutha Riverfront Development Project | मुला-मुठा रिवर फ्रंट सुधार योजना! पहले 2 चरण का टेंडर एक सप्ताह में खुलेगा, नदी किनारे का रास्ता बंद होगा, गरवारे कॉलेज के पीछे बैराज का निर्माण

पुणे : मुला-मुठा रिवर (Mula Mutha Riverfront Development Project) फ्रंट स्टेप नंबर 1 और 10 के लिए टेंडर  4 और 7 फरवरी को खुलेगा। इन दोनों चरण के लिए लगभग 1 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें संगमवाडी से बंडगार्डन (Sangamvadi to Bundagarden) और बंडगार्डन से मुंढवा (Bundagarden to Mundhwa) तक का काम किया जाएगा। आगे के चरण में औंध से संगमवाडी (Aundh to Sangamwadi) और खडकवासला से संगमवाडी (Khadakwasla to Sangamwadi) का काम किया जाएगा। हालांकि यह काम करते समय रिवर फ्रंट के बाबा भिडे पुल (Baba Bhide Bridge) सहित सभी कॉजवे निकालना पड़ेगा। इस वजह से नदी किनारे का रास्ता भी बंद होने की जानकारी मनपा प्रशासन (Municipal Administration) द्वारा बुधवार को दिए गए प्रजेंटेशन से स्पष्ट (Mula Mutha Riverfront Development Project) हुआ है।

 

मनपा आयुक्त विक्रम कुमार (Municipal Commissioner Vikram Kumar), अतिरिक्त आयुक्त कुणाल खेमनार ( Additional Commissioner Kunal Khemnar), शहर अभियंता प्रशांत वाघमारे (City Engineer Prashant Waghmare), प्रोजेक्ट इंजीनियर श्रीनिवास बोनाला (Project Engineer Srinivas Bonala) की उपस्थिति में आज प्रशासन ने मुला-मुठा नदी किनारे सुधार योजना (Mula Mutha Riverfront Development Project) के अंतर्गत मनपा की सीमा से बहनेवाली मुला-मुठा नदी के 44 किमी लंबाई तक रिवर फ्रंट को सुशोभीकरण करने का सविस्तार रिपोर्ट पत्रकारों के सामने रखा। लगभग 11 चरण में होनेवाले 4 हजार 700 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट की जानकारी और शंकाओं का निराकरण भी अधिकारियों ने किया।

2016 से प्रोजेक्ट पर काम शुरू

 

2016 से नदी किनारे सुधार योजना का काम शुरू हुआ है। नदी के व परिसर के भौगोलिक और पर्यावरणीय सर्वे किया गया। रिवर फ्रंट इलाके के लगभग 4 हजार 700 लोगों के मर और अपेक्षाओं को जानने की कोशिश की गई। साथ ही 100 साले में आए सभी बढ़ का अभ्यास कर प्रोजेक्ट का आंकलन, स्थायी समिति की मान्यता व विविध विभागों की मान्यता लेने की बात अधिकारियों ने स्पष्ट की।

 

उद्देश्य क्या है?

 

नदी में आनेवाला गंदा पानी, कचरा व अतिक्रमण रोकना, बाढ़ का पानी शहरी इलाके में न जाए इसके लिए नदी की बाधा को कम करना। नदी की वहन क्षमता बढ़ाना। पर्यावरण की दृष्टी से नदी पुनर्स्थापित करना। लोग नदी किनारे आएं इसके लिए मनोरंजन के जगह, जॉगिंग ट्रैक, साइकल ट्रैक, वनीकरण और सुशोभीकरण करना।

 

क्या करेंगे?

 

जायका कंपनी (Flavor Company) की मदद से शहर में जमा होनेवाले गंदे पानी की प्रक्रिया कर नदी में छोड़ा जाएगा। गंदे पानी साथ ही नाले में आनेवला पानी एसटीपी प्लांट (STP Plant) तक लाने के लिए दोनों किनारे पर स्वतंत्र नाले बनाए जानेगे। नदी सुधार और नदी किनारे सुधार इन दोनों योजना को एक बार ही चलाने और नदी किनारे का विकास अच्छे से होने में मदद मिलेगा। नदी किनारे आनेवाले ऐतिहासिक वास्तुओं का संरक्षण और अंरुप संवर्धन करने की योजना शामिल है। इस प्रोजेक्ट के लिए नदी किनारे पर 68 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध होगा, जिसमें 75 % से अधिक जमीन पर हरियाली लगाई जाएगी।

तीन जगहों पर बैराज निर्माण कर पानी रोका जाएगा

 

खडकी कॅन्टोन्मेंट,  बंड  गार्डन में बैरेज बना हुआ है। एक अन्य बैरेज (Barrage) गरवारे कॉलेज (Garware College) के पीछे नदी किनारे बनाया जाएगा। इस बैरेज की वजह से नदी किनारे में एक से डेढ़ मीटर पानी का स्तर कयम रखा जाएगा। इसलिए शहर में रिवरफ्रंट में पानी कायम रखने में मदद मिलेगी। इस बैरेज का गेट नीचे के साइड में रहेगा जिससे पानी का प्रवाह बना रहेगा।

 

कौन से बाधाएं हटाए जाएंगे?

 

मुठा नदी किनारे का बाबा भिडे पुल, अमृतेश्वर घाट के पास लगे कॉजवे, नांदेड-शिवणे के बीच कॉजवे अगले चरण के दौरान निकाला जाएगा। इस जगह पर पुल की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी व कुछ उपाययोजना मनपा (Municipal Corporation) को करने पड़ेंगे। मनपा भवन (Municipal Building) के पीछे जयंतराव तिलक पुल (Jayantrao Tilak Bridge) से म्हात्रे पुल (Mhatre Bridge) के बीच का रास्ता बंद किया जाएगा। नदी किनारे रास्ता बंद होने के बाद छत्रपती संभाजी चौक से केलकर रास्ता से ओंकारेश्वर तक का वैकल्पिक रास्ता विकसित करने का नियोजन है, लेकिन अन्य वैकल्पिक रास्ते पर विचार किया जाएगा।

 

संगमवाडी से बंडगार्डन व बंडगार्डन से मुंढवा तक का काम पहले चरण में करने का नियोजन क्या?

 

यह क्षेत्र मुला-मुठा नदी (Mula-Mutha River) का एकत्रित हिस्सा है। दोनों किनारे पर बहुत ज्यादा निर्माण नहीं हुआ है। इस इलाके में नदी किनारे पर बड़े पैमाने पर पेड़-पौधे हैं। बंडगार्डन में बैरेज बांधा गया है। इस इलाके में प्रकृति की दृष्ति से नदी किनरा बड़ा है, इसलिए भूमिअधिग्रहन करने में ज्यादा परेशानी नहीं है। साथ ही ज्यादआ खर्च भी नहीं होगा। इसलिए तेजी से काम कर लोगों के सामेन नदी परियोजना का आदर्श स्वरूप रखा जाएगा। इस चरन में सड़क के दोनो किनारे जो रास्ते हैं वो संकमवाडी से बंडगार्डन तक विकास रुपरेखा में दिखाए गए रास्ते का विकास किया जाएगा।

 

नदी किनारे के घाटों का क्या?

 

नदी किनारे सटे अभी के घाटों में और 50 नए घाट जोड़े जाएंगे। नदी किनार उतरने के लिए अभी 50 जगहों पर सड़क या सीढ़ियां है। और 50 जगहों पर सीढ़ी व उतरने के लिए रास्ते बनाए जाएंगे। जिस जगह पर नदी किनारे कम जगह मिलेगा, उस जगह पर नदी किनरे के पास दीवार बना कर साधारण 30 मीटर चौड़ीकरण का हिस्सा व एमेनिटी का निर्माण किया जाएगा। प्रमुख रूप से नदी किनारे शहरीकरण (Urbanization.) हुए हिस्से में दीवार नहीं बनाना पड़ेगा। नदी किनारे जाने के लिए 300 से 500 मीटर जी दूरी पर एंत्रेंस की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए सड़क व अन्य विकल्प मनपा उपलब्ध कराएगी।

 

पवना ए मुला नदी से आनेवाले गंदे पानी का क्या?

 

पवना व मुला नदी से आनेवाले गंदे पानी पर प्रक्रिया कर उसे नदी किनारे में छोड़ने के लिए पिंपरी चिंचवड मनपा (Pimpri Chinchwad Municipal Corporation) के माध्यम से एसटीपी प्लांट बनने का नियोजन किया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए रूपरेखा तैयार करने का काम अंतिम चरण में है।

 

सिंचाई विभाग (Irrigation Department) द्वारा बनाए गए ब्लू लाइन व रेड लाइन में कोई बदलाव होने की संभावना नहीं है। कुछ जगह पर बदलाव करने की संभावना है।लेकिन पहले चरण में टेंडर निकाने जगह पर अभी इसकि जरूरत नहीं पड़ेगी। नदी किनारे विकास होने से आस-पास के प्रॉपर्टी मालिकों को इसका फायदा होगा। प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ेगी। इस परियोजना का दीर्घकालीन मेंटिनेंस करने के लिए पॉलिसी तैयार करने का काम ब्रिटेन के एफसीडीयू एजेंसी को दिया गया है। यह पोलिसी पूरा करते समय सर्वसाधारण सभा की मंजूरी ली जाएगी।

 

 

 

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