अरब न्यूज ने गुरुवार देर रात तीन दिन पहले जारी किए गए फरमान के बारे में जानकारी दी।
शाही फरमान पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए हर सऊदी नागरिक के अधिकार पर स्पष्ट रूप से जोर देता है। इसमें अभिभावकों की अनुमति की आवश्यकता को सीमित करते हुए इसे सिर्फ नाबालिग के लिए अनिवार्य किया गया है।
नए आदेश को लैंगिक भेदभाव रहित तरीके से लिखा गया है और यह महिलाओं पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाता है।
अभी तक सऊदी अरब की महिलाओं को पासपोर्ट बनवाने के लिए और विदेश की यात्रा करने के लिए पुरुष अभिभावक की इजाजत लेनी होती थी, जिसमें पिता, भाई और कुछ दूसरे पुरुष रिश्तेदार शामिल होते थे।
सऊदी विजन 2030 के लॉन्च होने के बाद से अधिकारी पुरानी प्रणाली की खामियों से महिलाओं को होने वाली परेशानियों को देख रहे हैं और कदम उठा रहे हैं।
अमेरिका में सऊदी अरब की राजदूत राजकुमारी रीमा बिंत बंदार ने शुक्रवार सुबह कहा कि वह देश के श्रम और नागरिक कानून में नए बदलावों को लेकर बेहद खुश हैं।
अरब न्यूज ने कहा कि कई ट्वीट्स की श्रृंखला में उन्होंने कहा, “इसे हमारे समाज के भीतर सऊदी महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।”
उन्होंने कहा, “इसमें उन्हें पासपोर्ट के लिए आवेदन करने और स्वतंत्र रूप से यात्रा करने का अधिकार देना शामिल है।”
उन्होंने कहा, “यह नए नियम ऐतिहासिक हैं। यह हमारे समाज में पुरुष और महिलाओं के लिए समानता की बात कर रहे हैं।”