लेखापरीक्षण के लिए रिकॉर्ड उपलब्ध न कराना पड़ेगा महंगा

पिंपरी : समाचार ऑनलाइन – लेखापरीक्षण के लिए रिकाॅर्ड उपलब्ध न कराना अब पिंपरी चिंचवड मनपा अधिकारियों के लिए महंगा साबित होगा। क्योंकि मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने सभी विभाग प्रमुखों को सात दिन के भीतर रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं। ऐसा न करने पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय कर उनकी लिस्ट प्रशासन विभाग को पेश करने के आदेश भी दिए हैं। ऐसे अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ 500 से 1000 रुपए के जुर्माने की दण्डात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी भी मनपा आयुक्त ने दी है।
पिंपरी चिंचवड मनपा के लेखा परिक्षण में करीबन 1750 करोड़ रुपए की फाइलें गायब हैं। इनमें से 277 करोड़ रुपए की फाइलें गत कुछ माहों में प्राप्त हुई हैं। लेखा परीक्षण के लिए रिकॉर्ड उपलब्ध कराने को लेकर मनपा अधिकारियों में उदासीनता कायम है।इसके चलते मनपा आयुक्त ने सभी विभागों को फटकार लगाते हुए सात दिन के भीतर रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं। इसमें कोताही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी भी उन्होंने विभाग प्रमुखों को जारी किए आदेश के जरिये दी है।
गौरतलब हो कि मनपा में 1982 –1983 इस वित्त वर्ष से लेकर किये गए लेखापरीक्षण में कई आपत्तियां प्रलंबित हैं। संबंधित विभागों द्वारा खर्च की गई राशियों की फाइलें उपलब्ध नहीं कराए जाने से करीबन 1750 करोड़ रुपए की आपत्तियां प्रलंबित हैं। स्थायी समिति और मनपा आयुक्त ने इस बारे में बार- बार स्मरण कराया, चेताया, अल्टीमेटम दिया मगर अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। हालांकि गत कुछ माहों में 277 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड उपलब्ध हुए हैं। मगर अभी भी 1473 करोड़ रुपए का प्रलंबित आपत्तियों का आंकड़ा बड़ा है। सबसे ज्यादा आपत्तियां मनपा के स्थापत्य विभाग के कामों से जुड़ी हैं। 1982 – 83 से 2004 – 05 तक के लेखापरीक्षण के रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं हो रहे। अब मनपा आयुक्त ने इसके लिए सात दिनों की मोहलत दी है, उनका यह अल्टीमेटम क्या रंग लाता है? इसकी उत्सुकता बढ़ गई है।