NRI पतियों से प्रताड़ित ‘बेटियां’ हर आठ घंटे में मांगती हैं मदद

भारत में हर मां-बाप अपनी बेटी के लिए ऐसा पति चाहते हैं जो उनकी बेटी को सारी सुख-सुविधाएं दे सकें। इसी वजह से पिछले कुछ वर्षों में एनआरआई लड़कों की मांग बढ़ी है। विदेश में रहने वाले इन लड़कों पर अकसर मां-बाप आंख मूंदकर भरोसा करके अपनी बेटी दे देते हैं। मगर विदेश मंत्रालय की एक अहवाल आपकी आंखें खोल देगी। इस अहवाल के अनुसार, हर आठ घंटे में एक बेटी अपने माता-पिता से मदद मांगने के लिए फोन करती है। जिसके पीछे बहुत से कारण हैं।

इन कारणों में पति द्वारा छोड़ देना, बुरा बर्ताव करना और शारीरिक प्रताड़ना देना मुख्य है। विदेश मंत्रालय को 1 जनवरी 2015 से लेकर 30 नवंबर 2017 के बीच 3,328 शिकायतें मिली हैं। जिसके अनुसार दिन में बेटी ने तीन से ज्यादा बार और एक बार रात में अपने माता-पिता को फोन किया है। इनमें ज्यादातर महिलाएं पंजाब, गुजरात और आंध्र-तेलंगाना की हैं। सार्वजनिक सहयोग और बाल विकास की एक साल पहले आई अहवाल ने भी इन कारणों की पुष्टि की है।

अमेरिका के भारतीय दूतावास में काम करने वाली आरती राव ने बताया कि ज्यादातर महिलाएं आंध्र प्रदेश की होती हैं, जहां आज भी दहेज प्रथा मजबूत है। अपने मां-बाप की खुशी के लिए लड़के स्वदेश आकर उनकी पसंद की लड़की से शादी करते हैं लेकिन उसके साथ रहने का उनका कोई इरादा नहीं होता है। अमूमन हर देश में विदेश मंत्रालय इन महिलाओं की मदद करने की कोशिश करता है।